सपने में ऐसी जगह कैसे चले जाते हैं जहां कभी गए ही नहीं? जान लीजिए कारण
लेखक और न्यूरोसाइंटिस्ट सिद्धार्थ रिबेइरो मानते हैं कि इस दुनिया में ऐसा कोई इंसान नहीं है जिसे सपने ना आते हों. हां, ये जरूर है कि कुछ लोगों को अपना सपना याद रहता है और कुछ लोग इसे भूल जाते हैं.
सपने इंसानों के लिए एक नायाब अनुभव हैं. सपना देखने वाला इंसान नींद में किसी दूसरी ही दुनिया में होता है. ज्यादातर लोगों का मानना होता है कि इंसान सपने में वही चीजें देखता है जिसके बारे में वो सोचता है. लेकिन कुछ सपने ऐसे होते हैं जो आपकी समझ से परे होते हैं. जैसे सपने में किसी ऐसी जगह चले जाना जिसे आपने इससे पहले कभी देखा ही नहीं. चलिए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है.
इंसानों को सपना आता क्यों है
द ओरेकल ऑफ नाइट: द हिस्ट्री ऑफ साइंस ऑफ ड्रीम्स के लेखक और न्यूरोसाइंटिस्ट सिद्धार्थ रिबेइरो मानते हैं कि इस दुनिया में ऐसा कोई इंसान नहीं है जिसे सपने ना आते हों. हां, ये जरूर है कि कुछ लोगों को अपना सपना याद रहता है और कुछ लोग इसे भूल जाते हैं. वहीं इंसानों को सपना आने के बारे में रिबेइरो का कहना है कि ऐसा नींद की रैपिड आई मूवमेंट यानी रेम स्लीप के दौरान होता है.
अनजान जगह कैसे पहुंच जाते हैं हम
ये जानने से पहले हमें ये जानना होगा कि आखिर नींद में सपने आकार कैसे लेते हैं. उनकी छवियां हमारे सामने बनती हैं उसके पीछे के कारण क्या हैं. दरअसल, विज्ञान मानता है कि सपनों की पूरी कहानी हमारी यादों की शृंखलाओं की विद्युत सक्रियता पर आधारित होती है जो रेम नींद की दौरान जुड़ती हैं और फिर मिल कर एक सपना बनाती हैं. ये सपना हमारी प्री फ्रंटल कोर्टेक्स में चल रहा होता है. इस दौरान हम बहुत कुछ देख रहे होते हैं और उसका हिस्सा बन रहे होते हैं. अब जानते हैं कि हम अनजान जगह पर कैसे पहुंच जाते हैं.
हमने आपको ऊपर बताया कि आपका सपना बनता कैसे है. इसी तरह से जब आप अपने सपने में किसी ऐसी जगह पर पहुंच जाते हैं जिसके बारे में आप जानते ही नहीं तो इसके पीछे आपकी कल्पना काम करती है. सपने हमारे वर्तमान जीवन का ही हिस्सा होते हैं. उनका निर्माण आपके देखने, सुनने, महसूस करने और सोचने के आधार पर होता है. कई बार इन सभी का मिश्रण इस तरह से आपके सामने होता है कि आप समझ ही नहीं पाते. इसे आसान भाषा में कहें तो आपने दिन में कोई फिल्म देखी उसमें कई दृश्य थे. जैसे रेगिस्तान, बर्फ से ढकी पहाड़ी, घना जंगल और तेज बहती नदियां.
अब आपके दिमाग में कुछ ही घंटों में कई दृश्य घर कर गए. ऐसे में सोने के बाद जब आपके सपनों का निर्माण हुआ तो उसमें ये दृश्य एक दूसरे के साथ मिल कर एक नई जगह का निर्माण कर देते हैं. जैसे एक ऐसा रेगिस्तान जिसमें तेज धारा वाली नदी बह रही है. या फिर एक हर भरे जंगल के बीचों बीच बर्फ से ढका एक अकेला सफेद पहाड़. यानी जो वर्तमान जीवन में वैज्ञानिक आधारों पर संभव नहीं है, सपने में आप उसे भी देख लेते हैं और महसूस भी करते हैं.
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