वैज्ञानिकों ने स्पेस से गिराया अंडा, लेकिन वह टूटा नहीं, जानिए क्यों?
मार्क रॉबर नासा के पूर्व वैज्ञानिक हैं जो काफी समय से एक रिसर्च पर लगे हुए थे और देखना चाहते थे कि अगर वह स्पेस से अंडे को जमीन पर गिराते हैं तो क्या होता है.
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'संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे' यह स्लोगन आपने कई बार सुना होगा. आप शायद रोज अंडे खाते भी होंगे, कई बार तो आपने ऑमलेट बनाने के लिए उन्हें तोड़े भी होंगे. आपको लगता होगा कि अंडा तोड़ने में कितना ही दम लगता है, इतना नाजुक होता है कि अगर इस पर हल्का सा भी वार किया जाए तो यह टूट जाएगा. लेकिन अगर हम आपसे कहें कि नासा के एक पूर्व वैज्ञानिक ने अंडे को जब स्पेस से जमीन पर गिराया तो उस पर एक खरोच तक नहीं आई, क्या आप इस पर यकीन कर पाएंगे? शायद नहीं कर पाएंगे, इसीलिए हम स्टोरी में वीडियो भी जोड़ रहे हैं, जो मार्क रॉबर नाम के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है. जिसे देख कर आप यह समझ जाएंगे कि आखिर ऐसा कैसे हुआ.
ऐसा कैसे हुआ?
मार्क रॉबर नासा के पूर्व वैज्ञानिक हैं जो काफी समय से एक रिसर्च पर लगे हुए थे और देखना चाहते थे कि अगर वह स्पेस से अंडे को जमीन पर गिराते हैं तो क्या होता है. दरअसल, सही मायनों में कहा जाए तो मार्क अंडे को जमीन पर इस तरह से गिराना चाहते थे कि वह इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद भी ना टूटे. कड़ी मेहनत के बाद मार्क अपने प्रयोग में सफल रहे.
मार्क रॉबर ने पहले एक छोटे से रॉकेट में अंडा रखा और इसे स्पेस में छोड़ दिया. स्पेस में जाने के बाद रॉकेट अपने पैराशूट से अलग हो गया और तय की गई लैंडिंग वाली जगह पर आ गया. जब मार्क ने रॉकेट खोलकर देखा तो उसमें अंडा सही सलामत था.
पहले प्रयोग में हो गए थे फेल
ऐसा नहीं है कि मार्क ने पहली बार में ही सफलता हासिल कर ली थी. उन्होंने जब पहली बार यह प्रयास किया तो उसमें वह फेल हो गए थे, क्योंकि रॉकेट के जमीन पर लैंड करते वक्त अंडा उसमें टूट गया था. यही वजह है कि दूसरी बार मार्क ने उन गलतियों को सुधारा जिसकी वजह से अंडा टूट गया था और इस मिशन को सफलतापूर्वक कंप्लीट किया. मार्क रॉबर की माने तो इस प्रयोग के लिए उन्होंने 3 साल समय दिया. इसके साथ ही इसमें ढेर सारा पैसा भी खर्च हुआ. मार्क रॉबर बताते हैं कि कैसे यह प्रयोग उनके लिए आर्थिक, शारीरिक और मानसिक तीनों रूप से थकाने वाला था.
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