कटे हाथ-पैर फिर से उगाने के बस इतना करीब है इंसान... स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
दरअसल, हाथ पैर उगाने वाली कोशिका को वैज्ञानिक इंसान के शरीर में डालने का प्रयास करना चाहते हैं. सेल्स को इंसानों के शरीर में डालने पर ये हमारी हड्डियों और कार्टिलेज को दोबारा विकसित कर सकती हैं.
Regeneration Of Organs: इस दुनिया में तरह-तरह के जीव-जंतु रहते हैं. सबकी अपनी अलग-अलग खासियत और क्षमताएं होती हैं. कुछ तो ऐसे भी होते हैं जो अपने कटे हुए अंग तक वापस से उगा सकते हैं, जैसे हिरण अपने टूटे हुए सींगों को फिर से उगा सकता है और छिपकली भी अपनी पूंछ को फिर से उगा लेती है. कभी सोचा है कि क्या इंसान अपने कटे हाथ-पैरों को फिर से उगा सकता है? फिलहाल तो इसका जवाब 'ना' है, लेकिन वो दिन दूर नहीं जब शायद ये काम भी संभव होगा. जी हां, वैज्ञानिकों का कहना है कि इस काबिलियत को हासिल करने से इंसान सिर्फ एक कदम दूर है.
वैज्ञानिक करना चाहते हैं ये प्रयोग
दरअसल, हाथ पैर उगाने वाली कोशिका को वैज्ञानिक इंसान के शरीर में डालने का प्रयास करना चाहते हैं. हिरण के शरीर में उसके सींग को फिर से उगाने वाली ब्लास्टेमा सेल्स (Blastema Cells) पाई जाती हैं, जिन्हे वैज्ञानिक इंसानों के फायदे के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं.
चूहे पर प्रयोग हुआ तो निकल आए सींग
साइंस जर्नल में प्रकाशित हुई यह स्टडी चीन के जियान में स्थित नॉर्थवेस्टर्न पॉलीटेक्निकल यूनिवर्सिटी वैज्ञानिकों ने की है. हैरान करने वाली बात ये है कि जब वैज्ञानिकों ने हिरण के शरीर में मिलने वाली ब्लास्टेमा प्रोजेनिटर सेल्स को चूहे के सिर में डाला, तो 45 दिन बाद उसके सिर पर सींग जैसी आकृति निकल आई.
इंसानों पर कैसे काम करेगी
स्टडी में बताया गया है कि हिरण की सींगों का साल भर अध्ययन करने से उनके टूटने और फिर से उगने की प्रक्रिया का पता चलता है. इस शानदार मॉडल से इंसानों के अंगों को फिर से विकसित करने का प्रयास किया जा सकता है. शोधकर्ताओं की मानें तो संभव है कि ब्लास्टेमा सेल्स को इंसानों के शरीर में डालने पर ये हमारी हड्डियों और कार्टिलेज को दोबारा विकसित कर सकती हैं.
स्टडी में हिरण को ही क्यों किया गया शामिल
यूं तो कई स्तनधारी जीवों में सेल्फ-रीन्यूवल कोशिकाएं पाई जाती हैं. जैसे कि चूहों में भी इस प्रकार की कोशिकाएं होती हैं, लेकिन सिर्फ हिरण ही इकलौता ऐसा जीव है जो इनका इस्तेमाल करता है. स्टडी में पता चला कि जैसे ही हिरण के सींग गिरना शुरू होते हैं, ब्लास्टेमा सेल्स तुरत ही एक्टिव हो जाती है. एक बार सींग के पूरी तरह से गिर जाने पर नए सींग को पैदा करने का काम शुरू हो जाता है.
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