दुनियाभर के वैज्ञानिकों की नजर हमेशा स्पेस में मौजूद ब्लैक होल पर होती है. अब वैज्ञानिकों ने आकाशगंगा में एक नया 'स्लीपिंग जाइंट' ब्लैक होल खोजा है. इसे आकाशगंगा (गैलेक्सी) में खोजा सबसे बड़ा ब्लैक होल माना जा रहा है. आज हम आपको बताएंगे कि ये ब्लैक होल किस जगह पर मौजूद है और ये कितना विशाल है. क्योंकि ब्लैक होल का साइज ही वैज्ञानिकों के लिए सबसे जरूरी फैक्ट होता है.
ब्लैक होल
बता दें कि वैज्ञानिकों ने धरती से 2,000 प्रकाश वर्ष से भी कम दूरी पर एक्विला तारामंडल में इस विशाल ब्लैक होल का पता लगाया है. इसके अलावा यह हमारे सूर्य के द्रव्यमान से करीब 33 गुना ज्यादा बड़ा है. पहली बार तारकीय उत्पत्ति का इतना बड़ा ब्लैक होल आकाशगंगा में खोजा गया है. जानकारी के मुताबिक अंतरिक्ष में एक असामान्य डगमगाहट का पता लगाने के बाद खगोलविदों ने मिल्की वे आकाशगंगा में ये ब्लैक होल देखा है. इस प्रकार के ब्लैक होल केवल बहुत दूर की आकाशगंगाओं में ही खोजे गए हैं.
वहीं सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपियन स्पेस एजेंसी की ओर से कहा गया है कि वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए अधिकांश तारकीय-द्रव्यमान वाले ब्लैक होल पास के तारे से पदार्थ खींच रहे हैं. यह पदार्थ इतनी तेज गति से ब्लैक होल में गिरता है कि गर्म होकर एक्सरे विकिरण छोड़ता है. इस ब्लैक हॉल को Gaia BH3 नाम दिया गया है. तारामंडल में 1,926 प्रकाश वर्ष दूर स्थित होने की वजह से ये पृथ्वी का दूसरा सबसे निकटतम ज्ञात ब्लैक होल बन गया है. धरती के सबसे करीब का ब्लैक होल Gaia BH1 है, जो 1,500 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है और इसका द्रव्यमान सूर्य से 10 गुना अधिक है.
कैसे हुई खोज
बता दें कि कभी-कभी ब्लैक होल के पास कोई तारा नहीं होता है. इसका मतलब है कि वे कोई प्रकाश उत्पन्न नहीं करते हैं, जिससे उन्हें पहचानना बेहद मुश्किल हो जाता है. खगोलशास्त्री इन ब्लैक होल को "सुप्त" कहते हैं. ऐसे स्टार्स की खोज करते समय शोधकर्ताओं ने एक्विला तारामंडल में एक पुराने विशाल तारे की खोज की है. उन्होंने इसके पथ में डगमगाहट का विस्तार से विश्लेषण किया और पाया कि यह असाधारण रूप से उच्च द्रव्यमान वाले एक निष्क्रिय ब्लैक होल के साथ एक कक्षीय गति में बंद था. इतना ही नहीं यह अंतरिक्ष एजेंसी की गैया अंतरिक्ष वेधशाला का उपयोग करके खोजा गया तीसरा निष्क्रिय ब्लैक होल है और इसे Gaia BH3 नाम दिया गया है.
ब्लैक होल का साइज
बता दें कि ब्लैक होल बड़े या छोटे हो सकते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि सबसे छोटे ब्लैक होल सिर्फ एक परमाणु जितने छोटे होते हैं और बड़े ब्लैक होल बहुत छोटे होते हैं. लेकिन इनका द्रव्यमान एक बड़े पर्वत के समान होता है. वहीं ब्लैक होल को तारकीय कहा जाता है और इसका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से 20 गुना तक अधिक हो सकता है. पृथ्वी की आकाशगंगा में अनेक तारकीय द्रव्यमान वाले ब्लैक होल हो सकते हैं. वहीं सबसे बड़े ब्लैक होल को सुपरमैसिव कहा जाता है. इन ब्लैक होल का द्रव्यमान एक साथ 1 मिलियन से अधिक सूर्यों के बराबर होता है.
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