Permafrost In Siberia: वैज्ञानिकों ने 46,000 साल पहले जमे हुए एक कीड़े को फिर से जीवित करने की सफलता हासिल की. यह कीड़े प्राचीन समय में वुली मैमथ, बड़े दांतों वाले बाघ और विशाल एल्क के दौर में देखा जाता था. मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्युलर सेल बायोलॉजी एंड जेनेटिक्स के प्रोफेसर एमेरिटस टेयमुरास कुर्जचालिया के अनुसार, यह राउंडवर्म साइबेरियाई पर्माफ्रॉस्ट के 40 मीटर नीचे तल में सुप्तावस्था में जीवित था. इसकी प्रजाति अब तक अज्ञात थी और इसे "क्रिप्टोबायोसिस" के नाम से जाना जाता है.


क्या है क्रिप्टोबायोसिस अवस्था?


क्रिप्टोबायोसिस अवस्था में जीव पानी या ऑक्सीजन की पूर्ण अनुपस्थिति में भी जीवित रह सकते हैं और यह अत्यधिक ठंडे तापमान और अत्यधिक नमकीन परिस्थितियों में भी अपने जीवन को बनाए रख सकते हैं. कुर्जचालिया ने इसे एक प्रमुख खोज बताते हुए कहा है कि क्रिप्टोबायोसिस के अंतर्गत कोई भी जीव अपना जीवन रोक सकता है और फिर उसे फिर से आरंभ कर सकता है.


इस सफलता के बाद, जर्मनी में विश्वविद्यालयी संस्थानों द्वारा 100 कीड़े ले जाए गए, जिनमें से दो राउंडवर्म प्रजातियों का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों ने अगले विश्लेषण किया.


विश्लेषण से पता चली उम्र 


इन वर्म को निकालने के बाद, वैज्ञानिकों ने पर्माफ्रॉस्ट में मौजूद पौधों की सामग्री का रेडियोकार्बन विश्लेषण किया ताकि इनके (कीड़ों के) समय का पता लगा सकें. इस विश्लेषण से पता चला कि ये कीड़े लगभग 46,000 साल पुराने हैं. इस पहले वैज्ञानिकों को इस वर्म की प्रजाति का ज्ञात नहीं था, लेकिन ड्रेसडेन और कोलोन में विश्लेषण के बाद, इसे "पैनाग्रोलाईमस कोलीमेनिस" के नाम से नई प्रजाति के रूप में पहचाना गया.


क्या होता है पर्माफ्रॉस्ट?


आपको बता दें कि सबेरिया का पर्माफ्रॉस्ट एक काफी विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है और इसकी गहराई लगातार बढ़ती जा रही है. पर्माफ्रॉस्ट एक दलदली गड्ढा होता है, जिसमें करीब 80 फीसदी बर्फ होती है. कुछ दिनों पहले वैज्ञानिकों को इसी पर्माफ्रॉस्ट से एक 8000 साल पुराने भैंसे का मांस भी मिला था. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस गड्ढे से हजारों साल पुराने जीवों और वनस्पतियों के बारे में जानकारी मिलेगी.


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