Germ Blast: अफ्रीकी देश सूडान में चल रही लड़ाई के बीच लड़ाकों ने यहां एक लैब पर कब्जा किया है. जिसके बाद दुनियाभर के वैज्ञानिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंताएं बढ़ गई हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसको लेकर चेतावनी जारी कर दी है. सूडान में WHO के प्रतिनिधि ने बताया कि लड़ाकों ने लैब पर कब्जा करके, टेक्नीशियंस को लैब से बाहर कर दिया है. दुनियाभर के विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने लैब का कंट्रोल लड़ाकुओं के हाथ में होने को लोगों की जान पर खतरा बताया है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया है कि इससे जर्म बम के ब्लास्ट होने का खतरा है. ऐसे में आपके दिमाग में भी यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर ये जर्म बम क्या होता है? आइए जानते हैं ये क्या है और इससे कितना खतरा है.


क्या है जर्म ब्लास्ट?


दरअसल, जर्म बम शब्द का मतलब बायोलॉजिकल हथियार से होता है. आसान भाषा में समझें तो जर्म ब्लास्ट से इंसान और जानवर सहित पेड़-पौधों तक में बीमारियां फैल जाती हैं और उनकी जान जोखिम में आ जाती है. यह दो तरह से हो सकता है. पहला यह कि कोई इसे जानबूझकर तैयार करके लोगों के बीच छोड़ दे और दूसरा किसी प्रक्रिया के जरिए ये वातावरण में फैल जाए.


लैब से क्यों है खतरा?


दरअसल, सूडान के कब्जे में लिए गए लैब में कई तरह की बीमारियों के सैम्पल रखे हैं. जिसमें खसरा, हैजा और पोलियो जैसी बीमारियों के पैथोजन भी शामिल हैं. ऐसे में अगर इन सैम्पल्स के साथ छेड़छाड़ हुई, तो दुनियाभर में जर्म बम फट सकता है. अगर ऐसा होता है तो यह कई देशों को अपनी जद में ले लेगा और महामारी के हालात भी बन सकते हैं.


लैब को जल्द मुक्त कराने की है जरूरत


सूडान की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लैब में ज़रा सी भी तोड़फोड से बड़े लेवल पर बीमारियां फैलने का खतरा है. इस खतरे को रोकने के लिए बिजली व्यवस्था को दुरुस्त रखने और लैब को जल्द से जल्द मुक्त कराने की जरूरत है. बायोलॉजिकल हथियारों का इस्तेमाल पहले भी देशों को बर्बाद करने में किया जाता रहा है.


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