Sea Water level: समंदर का बढ़ता जलस्तर दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. यहां तक क‍ि कई शहरों के भविष्य में डूबने तक के हालात नजर आ रहे हैं. हाल ही में अमेरिकी अंतर‍िक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि अमेरिका के आसपास का समुद्र का जलस्तर जितना पिछले 100 साल में नहीं बढ़ा, उससे ज्यादा आने वाले 30 सालो में बढ़ जाएगा. वहीं, दुनिया के किसी कोने में एक देश में समंदर का पानी ऐत‍िहास‍िक रूप से घटता जा रहा है. इस घटना को देखा साइंटिस्‍ट भी हैरान हैं कि आख‍िर अचानक ऐसा क्‍यों हो रहा है.


50 सेंटीमीटर गिर गया जलस्तर


डायचे वैले की रिपोर्ट के अनुसार, माल्‍टा और गोजो के तटों पर समंदर का पानी रिकॉर्ड स्तर पर नीचे चला गया है. जिसमें जनवरी से अब तक करीब 50 सेंटीमीटर की गिरावट आई है. पानी की कमी के कारण यहां का समुद्रतट लंबा और बड़ा भी हो गया है. पहले जो चट्टानें और शैवाल समंदर की सतह के नीचे हुआ करते थे, वो अब नजर आने लगे हैं. यह सब देख लोग हैरान और परेशान हैं. सबके जेहन में सौर यही सवाल है कि आखिर समंदर का 50 सेंटीमीटर पानी कहां चला गया?


दर्ज की गई रिकॉर्ड गिरावट 


विशेषज्ञों की मानें तो इससे पहले तक औसतन 15 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की जाती थी. जोकि आमतौर पर नवंबर और मार्च में होता था. लेकिन इस बार जनवरी फरवरी में ही ऐसे हालात दिख रहे हैं. इसके पहले अक्‍तूबर 1992 और मार्च 1993 के बीच 40 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई थी, लेकिन मौजूदा समय में जब पूरी दुनिया के समंदरों का जलस्‍तर बढ़ रहा है, वहीं यहां के जलस्तर में इनती ज्‍यादा कमी वैज्ञानिकों को भी हैरान कर रही है. जबकि इस इलाके में सर्दियां काफी ज्‍यादा दिनों तक रहती हैं.


धरती में आ रहा बदलाव है वजह


माल्टा कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड टेक्नोलॉजी में समुद्र विज्ञान के प्रोफेसर एल्डो ड्रैगो ने इसे सूनामी के सिद्धांतों और हाल ही में आए भूकंप का उदाहरण देकर समझाया है, उनके अनुसार, धरती में बदलाव हो रहे हैं, जिसकी वजह से ये असामान्‍य घटनाएं हो रही हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि चिंता वाली बात नहीं है और समुद्र का जल स्तर अपनी पहले वाली स्थिति में लौट आएगा. 


2050 तक समुंद्र के जलस्तर में होगी 12 इंच की बढ़ोतरी


पिछले 100 वर्षों में वैश्विक तापमान में लगभग 1 डिग्री सेल्सियस (1.8 डिग्री फ़ारेनहाइट) का इजाफा हुआ है. जिसकी वजह से समुद्र का जलस्‍तर लगभग 6 से 8 इंच बढ़ गया है. वहीं, NASA का अनुमान है कि 2050 तक इसमें 12 इंच (30 सेंटीमीटर) तक बढोतरी देखने को मिल सकती है.


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