आपने मनोज कुमार की फिल्म पूरब पश्चिम का वो गाना तो सुना ही होगा, "जब जीरो दिया मेरे भारत ने, दुनिया को तब गिनती आई. तारों की भाषा भारत ने, दुनिया को पहले सिखलाई. देता न दशमलव भारत तो, यूं चांद पे जाना मुश्किल था. धरती और चांद की दूरी का अंदाजा लगाना मुश्किल था." आपको बता दें भारत ने इसके अलावा भी दुनिया को बहुत कुछ दिया है, उसी लिस्ट में से आज हम कुछ चीजें छांट कर लाए हैं, जो ऐसे तो बहुत छोटी हैं, लेकिन अगर वो आज आपके बीच ना हों तो आपके लिए अपना दिन काटना मुश्किल हो जाएगा.
शैंपू दिया मेरे भारत ने
भारत ने दुनिया को वो चीज दी जिसकी मदद से आज आपके काले, भूरे, सुनहरे बाल हवा में लहराते हैं. आपके स्कल्प पे जमा कचड़ा साफ होता है और आप कई तरह की सिर की बीमारियों से दूर रहते हैं. हम बात कर रहे हैं शैंपू की. हैरान मत होइए ये सच है, दुनिया को शैंपू भारत ने दिया है. शैंपू की खोज भारत में 100, 200 साल पहले नहीं बल्कि 1500 ईसवी में ही हो गई थी, जब रीठा, आमला और शिकाकाई के घोल से एक ऐसा पदार्थ तैयार हुआ था, जिससे बाल धुले जा सकते थे.
पूरी दुनिया में शैंपू कैसे फैला
पूरी दुनिया में शैंपू के फैलाने का श्रेय बिहार के पटना में रहने वाले एक शख्स को जाता है. इस शख्स का नाम था शेख दीन मोहम्मद. दीन मोहम्मद का परिवार नाई समुदाय से आता था. इनका जन्म 1759 में हुआ था. दीन मोहम्मद ने रीठा आमला और शिकाकाई के मिक्स से शैंपू बनाने का हुनर बचपन में ही सीख लिया था, इसके बाद वह जब भारत से लंदन गए तो अपने साथ यह हुनर भी ले गए. और फिर यहीं से शैंपू का आईडिया पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गया.
भारत ने और भी बहुत कुछ दिया है
इसके अलावा भारत ने दुनिया को बटर चिकन, मोतियाबिंद का ऑपरेशन, हल्दी दूध, जुगाड़, इंडियन टॉयलेट और खटिया समेत कई चीजें दी हैं. ऊपर बताई गईं ये चीजें ऐसी हैं, जिनके बिना आप अपना एक दिन नहीं काट सकते हैं. इसमें से एक चीज है जुगाड़. यह एक शब्द है, जिसका इजात हमने किया. लोग हर रोज अपनी जिंदगी में कुछ ना कुछ ऐसा कर ही लेते हैं, जिसे जुगाड़ शब्द से परिभाषित किया जाता है.
वहीं बटर चिकन की बात करें तो यह पूरी दुनिया में चिकन के कुछ सबसे खास डिशेज में से एक है. बटर चिकन को जितना भारत में पसंद किया जाता है, उससे कहीं ज्यादा उसे भारत के बाहर पसंद करने वाले हैं. द यूथ नाम की वेबसाइट पर छपी एक खबर के मुताबिक, चिकन से बना चिकन टिक्का एक ऐसी डिश है जिसे 1997 में पूरे ब्रिटेन में 11 मिलियन लोगों ने खाया था. यह उनकी कुल आबादी का 22 फीसदी हिस्सा था. ब्रिटेन में आज भी भारतीय रेस्टोरेंट में डिनर करने गए लोगों में 80 फीसदी लोग चिकन टिक्का जरूर ऑर्डर करते हैं.
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