शेख हसीना ने ली है भारत में शरण, क्या पाकिस्तान में भी ऐसा हो सकता है?
बांग्लादेश से भागकर शेख हसीना ने भारत में शरण ली थी, जिसके बाद से ही वो यहीं है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या पाकिस्तान में भी इस तरह शरण ली जा सकती है?
बांग्लादेश से भागकर शेख हसीना भारत पहुंची थीं. 5 अगस्त से अबतक उन्हें भारत की शरण लिए चार महीने का वक्त बीत चुका है. इस बीच उन्होंने कई देशों में राजनीतिक शरण लेने की कोशिश की लेकिन उन्हें इसमें अबतक सफलता नहीं मिल पाई है. वहीं बांग्लादेश में भी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, इस बीच सवाल ये उठता है कि क्या पाकिस्तान में भी ऐसा हो सकता है? क्या पाकिस्तान में भी इस तरह से शरण ली जा सकती है? चलिए इन सभी सवालों के जवाब जान लेते हैं.
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पाकिस्तान में ली जा सकती है राजनीतिक शरण?
पाकिस्तान में राजनीतिक शरण लेने का मुद्दा बहुत संवेदनशील है, क्योंकि यह सीधे तौर पर पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से जुड़ा हुआ है. पाकिस्तान में कई लोग अपनी जान बचाने के लिए शरण लेने के लिए विदेश जाते हैं, लेकिन क्या पाकिस्तान में किसी व्यक्ति को शरण दी जा सकती है? यह सवाल कई तरह से खास और जरुरी है. दरअसल, किसी भी देश में राजनीतिक शरण लेना इस पर निर्भर करता है कि उस देश की शरण नीति क्या है.
पाकिस्तान में लोकतंत्र और मानवाधिकार की स्थिति को देखते हुए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने पाकिस्तान के भीतर उत्पीड़ित लोगों को शरण देने की पैरवी की है. संयुक्त राष्ट्र (UNHCR) जैसे संगठन पाकिस्तान में राजनीतिक उत्पीड़न से बचने के लिए शरणार्थियों को सुरक्षा देते हैं. हालांकि, पाकिस्तान में शरण लेने का प्रोसेस काफी कठिन है, क्योंकि यह देश की राजनीति और आंतरिक मुद्दों से जुड़ा हुआ है। पाकिस्तान में किसी को शरण देने का फैसला उन देशों की कूटनीतिक नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर निर्भर करता है.
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क्या पाकिस्तान के नेता को भारत में शरण मिल सकती है?
पाकिस्तान के किसी नेता को भारत में शरण मिलने की उम्मीदें बहुत कम हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच हमेशा तनाव रहा है. ऐसे पाकिस्तान के नेताओं का भारत में शरण लेना एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है.
भारत ने अपनी सीमाओं में शरणार्थियों को सुरक्षा देने का निर्णय लिया है, लेकिन यह किसी भी राजनीतिक शरण की स्थिति पर निर्भर करता है. पाकिस्तान के नेताओं को शरण देने के लिए भारत को कई राजनीतिक और कूटनीतिक पहलुओं के बारे में सोचना होगा, जिनमें दोनों देशों के आपसी रिश्ते, सुरक्षा स्थिति और अंतरराष्ट्रीय दबाव शामिल होते हैं. पाकिस्तान और भारत के रिश्ते कभी ऐसे नहीं रहे कि कोई भारत का नेता पाकिस्तान में या पाकिस्तान का नेता भारत में शरण ले.
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