भारतवासी आज 78 वां स्वतंत्रता दिवस का महोत्सव मना रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 1947 में जब देश आजाद हो रहा था, उस समय देश की स्थिति कैसी थी और 14 अगस्त 1947 की आधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल में सबसे पहले कौन सा वाद्य यंत्र बजा था. आज हम आपको बताएंगे कि उस वक्त सेंट्रल हॉल का नजारा कैसा था.
सेंट्रल हॉल
बता दें कि 14 अगस्त 1947 की आधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल में देश के सभी बड़ी शख्सियत और नेता एकजुट थी. 12 बजने से 5 मिनट पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू खड़े होकर अपना भाषण शुरू किए थे. उनके भाषण के कुछ मिनटों बाद जैसे ही घड़ी की सुई 12 पर पहुंची थी, सेंट्रल हॉल में आजादी का शंखनाद शुरू हो गया था. बता दें शंख वो पहला वाद्य यंत्र था, जो आजादी के मौके पर सबसे पहले सेंट्रल हॉल में बजाया गया था. इसके बाद सेंट्रल हॉल में मौजूद लोग एक-दूसरे के गले लगकर बधाईयां दे रहे थे.
सबसे पहला वाद्य यंत्र
14 अगस्त की रात सेंट्रल हॉल में आजादी की घोषणा के साथ ही सबसे पहले वहां पर शंखनाद हुआ था. इतिहासकारों के मुताबिक काफी लंबे समय तक सेंट्रल हाल में आजादी का शंखनाद हुआ था.
सबसे पहले कौन सा गीत
सेंट्रल हॉल में सभी लोग एक दूसरे से मिलकर आजादी की बधाईयां दे रहे थे. उस वक्त बधाइयों का दौर जारी ही था, लेकिन सुचेता कृपलानी खड़े होकर सबसे पहले अल्लामा इकबाल का गीत सारे जहां से अच्छा गया और फिर बंकिम चंद्र चटर्जी का वंदे मातरम गाया था. बता दें कि 60 के दशक में उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री भी सुचेता कृपलानी बनी थी.
कौन थीं सुचेता कृपलानी?
सुचेता कृपलानी भारत के स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख महिला चेहरा थी. इसके अलावा वह देश की पहली महिला मुख्यमंत्री भी थी. उनका जन्म 25 जून 1908 को हरियाणा में हुआ था. उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. उन्होंने लाहौर और दिल्ली में अपनी शिक्षा पूरी की थी.
सुचेता कृपलानी महात्मा गांधी के साथ मिलकर भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था और कई बार जेल गई थी. वह कांग्रेस पार्टी की बड़ी महिला नेता थीं और उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया था. स्वतंत्रता के बाद सुचेता कृपलानी भारत की संविधान सभा की सदस्य भी बनी थी. वहीं साल 1963 में सुचेता कृपलानी उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने के साथ ही वह स्वतंत्र भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री के नाम पर दर्ज हो गया था. 1 दिसंबर 1974 को सुचेता कृपलानी का निधन हो गया था.
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