इस देश में नहीं है एक भी खेत, नाम जानकर सोचेंगे कि ऐसा कैसे हुआ?
दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां पर आपको खेत का नामो निशान तक नहीं मिलेगा. जी हां, सिंगापुर एक ऐसा देश है जहां पर कोई खेत नहीं है.
Singapore: क्या आप बिना सूरज के दुनिया की कल्पना कर सकते हैं? बगैर चांद के ईद की कल्पना कर सकते हैं. वैसे ही आप किसी ऐसे देश की कल्पना नहीं कर सकते जहां पर एक भी खेत न हो. बेशक ऐसी कल्पना करना मुश्किल है लेकिन आपको पता होना चाहिए कि दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां पर आपको खेत का नामो निशान तक नहीं मिलेगा. जी हां, सिंगापुर एक ऐसा देश है जहां पर कोई खेत नहीं है. सिंगापुर विकसित देश है और खेत न होते हुए भी यहां पर किसी चीज की कोई कमी नहीं है.
सिंगापुर में नहीं है एक भी खेत
सिंगापुर दुनिया के सबसे छोटे देशों में से एक है, जिसका क्षेत्रफल 735 किलोमीटर स्क्वायर है. दुनिया में यह एकमात्र देश है जहां एक भी खेत नहीं है. 1965 में मलेशिया से अलग होकर नए सिंगापुर का जन्म हुआ. इसे सिंहों का द्वीप भी कहा जाता है. सिंगापुर में एक भी खेत नहीं होने के बावजूद यह एशिया की चौथी और दुनिया की नौंवी बड़ी अर्थव्यवस्था है. यहां पर ऊंची ऊंची इमारतें और कई सारी मल्टीनेशनल कंपनियां हैं. यहां पर कच्चे माल की आपूर्ति दूसरे देशों से की जाती है. यहां का खानपान और फल सब्जियां सभी कुछ दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था पर निर्भर करता है.
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इन देशों से पूरी होती है जरूरतें
अब सवाल ये उठता है कि सिंगापुर में लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी और जरूरतों को कैसे पूरी करते हैं और जीते हैं. आपको बता दें कि सिंगापुर में पानी मलेशिया से, दूध, फल और सब्जियां न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से आता हैं. दाल चावल और दूसरी जरूरतें सिंगापुर की थाईलैंड और इंडोनेशिया पूरी करते हैं. 1965 में मलेशिया से अलग होने के बाद यहां 1970 में व्यवसाय ने जोर पकड़ा जिससे दुनिया हैरान रह गई. सिंगापुर की कंपनियां विदेशी निवेश के लिए जानी जाती है. सिंगापुर में बड़ा संख्या में भारतीय रहते हैं.
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