हर साल लाखों पर्यटक विदेश जाना पसंद करते हैं. इसमें सिंगापुर का नाम भी आता है. भारतीय सिर्फ सिंगापुर में घूमने के लिए ही नहीं जाते हैं, बल्कि यहां पर नौकरी और बिजनस की तलाश में भी काफी संख्या में भारतीय जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जो सिंगापुर आज पूरी दुनिया को आकर्षित कर रहा है, एक वक्त में सिंगापुर बेहद गरीब देश हुआ करता था. जी हां, आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे सिंगापुर गरीब से सबसे अमीर देशों की श्रेणी तक पहुंचा है. 


सिंगापुर


सिंगापुर में आज भारत समेत कई अन्य देशों के लोग भी जाना पसंद करते हैं. टूरिस्ट प्लेस होने के साथ ही आज सिंगापुर की गिनती अब सबसे दौलतमंद मुल्कों में होती है. गौरतलब है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हाल ही में सिंगापुर दौर पर गए थे. 


सिंगापुर का इतिहास


 बता दें कि 1963 में सिंगापुर जब आजाद हुआ था, तब यहां काफी गरीबी थी. बाकी एशिआई देशों की तरह सिंगापुर भी लंबे समय तक ब्रिटेन की कॉलोनी था. लेकिन जब सिंगापुर एक स्वतंत्र देश बना तो इसने बहुत तेजी से अपने देश को विकास की तरफ बढ़ाया है. आज जिस मुकाम पर सिंगापुर है, उसका श्रेष्य पहले प्रधानमंत्री ली कुआन यू को ही दिया जाता है. 


सिंगापुर आज सबसे संपन्न देश


अब सिंगापुर की गिनती सबसे दौलतमंद देशों में होती है. जहां का हर छठा परिवार करोड़पति है. वहीं कैपिटा जीडीपी के मामले में यूके, फ्रांस के अलावा अमेरिका जैसे सुपरपॉवर से भी आगे है. 2030 तक अनुमान है कि दुनिया में सबसे ज्यादा करोड़पति इसी देश में होंगे.


कैसे बदला सिंगापुर


दुनिया की अर्थव्यवस्था बढ़ने के साथ ही सिंगापुर भी विकास की तरफ आगे बढ़ता गया है. अपने पहले दो दशकों के दौरान, सिंगापुर की अर्थव्यवस्था प्रति वर्ष लगभग 10% की दर से बढ़ी है. पहले सिंगापुर मसालों, टिन और रबर का व्यापार करता था, फिर ये फार्मास्यूटिकल्स में भी बिजनस करने लगा. वहीं 1975 तक  सिंगापुर ने एक बड़ा औद्योगिक आधार स्थापित कर लिया था. जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी 1965 में 14% से बढ़कर 22% हो गई थी.


सिंगापुर में लोग धनी


आज के वक्त सिंगापुर में अधिकांश लोग धनी है. सिंगापुर सरकार के मुताबिक़  2023 तक सिंगापुर में अपना घर खरीदने वाले लोगों का प्रतिशत 100 में से 89.7 है. एक्सपर्ट के मुताबिक बहुत जल्द ये आंकड़ा 100 फीसदी तक पहुंच जाएगा और कुछ ही सालों में यहां करोड़पति लोगों की संख्या भी लगभग बाकी देशों की तुलना में सबसे अधिक होगी. 


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