(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सीताराम येचुरी के शरीर को किया गया दान, जानें ऐसे में डेड बॉडी का क्या किया जाता है
Sitaram Yechury Death: येचुरी के परिवार ने शिक्षण और शोध उद्देश्यों के लिए उनका पार्थिव शरीर अस्पताल को दान कर दिया है. एम्स ने इस बात की पुष्टि की है.
Sitaram Yechury Death: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी(Sitaram Yechury Death) का गुरुवार को एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया. वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे. येचुरी 72 साल के थे. उनकी हालत पिछले कुछ दिन से गंभीर बनी हुई थी. ऐसे में उनके परिवार ने उनके पार्थिव शरीर को एम्स अस्पताल में दान करने का फैसला लिया है. एम्स ने एक बयान में कहा कि येचुरी के परिवार ने शिक्षण और शोध उद्देश्यों के लिए उनका पार्थिव शरीर अस्पताल को दान कर दिया है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब किसी मृतक के शरीर को दान कर दिया जाता है तो उस डेड बॉडी का क्या किया जाता है? चलिए जान लेते हैं.
डोनेट करने के बाद मृतक के शरीर का क्या होता है?
बता दें जब किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो कई लोग उसकी डेड बॉडी को हॉस्पिटल को दान करने का फैसला लेते हैं. बॉडी डोनेट के करने के बाद मेडिकल के छात्र पढ़ने और रिसर्च के लिए बॉडी का इस्तेमाल करता है. ऐसे में सबसे पहले बॉडी को फॉर्मेलिन के जरिए एक वैज्ञानिक प्रक्रिया से से गुजारा जाता है. इस प्रक्रिया को बॉडी से बैक्टीरिया या कीटाणु को खत्म करने के लिए किया जाता है. इसके बाद शव एक लकड़ी की तरह हो जाता है और बॉडी खराब नहीं होती है. इसके बाद शव मेडिकल के छात्र के स्टडी काम आते हैं. पढ़ाई के दौरान छात्र डेड बॉडी के अलग-अलग हिस्से की स्टडी करते हैं.
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दान देने के बाद परिवार को मिलता है शव?
अब सवाल ये भी उठता है कि क्या दान देने के बाद कभी उस व्यक्ति के परिवार को भी शव दिया जाता है? तो बता दें कि अस्पताल में पढ़ाई के दौरान बॉडी बार-बार हवा के संपर्क में आती है, जिससे शरीर खराब होने लगता है. ऐसे में बॉडी को नष्ट करना होता है. जिसके लिए परिवार को बॉडी दे दी जाती है या फिर कभी अस्पताल की ओर से बॉडी का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है और उसके बाद में परिवार को अस्थियां सौंप दी जाती हैं.
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दान किए गए शरीर से क्या पता चलता है?
मेडिकल छात्र और पेशेवर दान किए गए शरीर का उपयोग मानव शरीर रचना का विस्तार से अध्ययन करने के लिए करते हैं, सर्जन और चिकित्सा व्यवसायी दान किए गए शरीर का उपयोग नई तकनीकों की प्रैक्टिस करने, मौजूदा प्रक्रियाओं को परिष्कृत करने और सुरक्षित शल्य चिकित्सा पद्धतियों को विकसित करने के लिए करते हैं.
इसके अलावा वैज्ञानिक और शोधकर्ता दान किए गए शरीर का उपयोग बीमारियों का पता लगाने, विभिन्न अंगों पर चिकित्सा स्थितियों के प्रभावों का अध्ययन करने और नए उपचार या दवाएं विकसित करने के लिए करते हैं. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सीताराम येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वे देश की गहरी समझ रखने वाले भारत के विचार के रक्षक थे.