गर्मी या सर्दी... किस मौसम में आती है ज्यादा अच्छी नींद? पढ़िए एक स्टडी में क्या पता चला है
अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी की ओर से साल के चारों मौसम में इंसानों की नींद पर स्टडी की गई. जिसमें मौसम के आधार पर लोगों के नींद लेने के पैटर्न के बारे में बताया गया है.
Sleeping Disorder: दिनभर काम करने बाद जब इंसान शाम को अपने घर वापस आता है तो वह रात में चैन की नींद सोना चाहता है. लेकिन क्या आप जानते हैं मौसम के बदलने का असर आपकी नींद पर भी होता है? ऐसा हम नहीं, एक स्टडी कह रही है कि गर्मी में लोगों को आसानी से नींद नहीं आती है. वहीं, दूसरी ओर सर्दियों में लोग बड़ी आसानी से अपनी नींद पूरी कर लेते हैं. आइए इस स्टडी के नतीजों के आधार पर समझते हैं नींद और मौसम का एक-दूसरे से क्या कनेक्शन है.
नींद लेने के पैटर्न पर हुई स्टडी
अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी की ओर से साल के चारों मौसम में इंसानों की नींद पर स्टडी की गई. जर्नल 'न्यूरोलॉजी' में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि ठंड का मौसम खत्म होते ही जब गर्मियां आती हैं तो दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं. इसे डे-लाइट सेविंग टाइम भी कहा जाता है. इसके विपरीत सर्दियों में जब रातें बड़ी और दिन छोटे होते हैं तो उसे स्टैंडर्ड टाइम कहते हैं.
मौसम बदलने पर आता है नींद में बदलाव
स्टडी कहती है कि डे-लाइट सेविंग टाइम से स्टैंडर्ड टाइम में बदलने पर लोगों के बीच स्लीपिंग डिसऑर्डर की समस्याएं बढ़ जाती हैं. जबकि, वक्त के स्टैंडर्ड टाइम से डे-लाइट सेविंग टाइम में बदलने के दौरान ऐसी दिक्कतें नहीं होती हैं. हालांकि, अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के मेंबर रॉन बी पोस्टुमा का कहना है कि मौसम की वजह से नींद में आने वाले ये बदलाव ज्यादा लंबे समय तक नहीं रहते हैं. ये बदलाव सिर्फ 14 दिनों तक ही दिखते हैं.
कैसे हुई स्टडी?
इस स्टडी में 45 से 85 साल आयुवर्ग के 30,097 लोग शामिल हुए. अध्ययन के दौरान इन लोगों से उनकी नींद से जुड़े सवाल पूछे गए. जैसे कि वो कितनी देर तक सोते हैं और नींद आने में उन्हे कितना समय लगता है, उन्हे कितनी गहरी नींद आती है. इनमें एक सवाल यह भी था कि पिछले एक महीने में ऐसा कितनी बार हुआ जब उन्हें सोने में 30 मिनट से ज्यादा का समय लगा? ओर दूसरा सवाल था कि कितनी बार रात में नींद टूटी या सुबह जल्द नींद खुल गई और फिर उसके बाद दोबारा सोने में दिक्कत हुई?
स्टडी में सामने आई ये बातें
रिसर्च में सामने आया कि जिन लोगों के साथ एक हफ्ते में तीन या तीन से ज्यादा बार ऐसा हुआ कि उन्हें सोने में 30 मिनट से ज्यादा का समय लगा या नींद टूट जाती है या फिर वो सुबह जल्दी उठ जाते हैं, उन्हें नींद से जुड़ी समस्याएं हैं. रिसर्चर्स ने मौसम बदलने के आधार पर भी अध्ययन किया तो पाया कि जिन लोगों पर गर्मी के मौसम में शोध किया गया वो औसतन 6.76 घंटे की नींद लेते हैं. वहीं, ठंड में हुए शोध में शामिल हुए लोग 5 मिनट ज्यादा यानी 6.84 घंटे सोते हैं.