पूरी दुनिया में ईसाई और मुस्लिम दो ऐसे धार्मिक समुदाय हैं जो लगभग हर देश में मिल जाते हैं. जाहिर सी बात है, जहां यह समुदाय रहेंगे, वहां उनकी इबादत की भी जगह होगी. हालांकि, आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में दो ऐसे देश हैं, जहां अभी तक एक भी मस्जिद नहीं है. लेकिन इन दोनों देशों में मुस्लिम आबादी रहती है. यही वजह है कि कई बार मुस्लिम समुदाय इन दोनों देशों में हंगामा कर यह मांग उठा चुका है कि उनकी नमाज के लिए इन देशों में मस्जिद बनाए जाएं. लेकिन आज तक इन दोनों देशों की सरकारों ने इसकी अनुमति नहीं दी है.


पहला देश है स्लोवाकिया


पहला देश स्लोवाकिया है, जो कुछ साल पहले ही चेकोस्लोवाकिया से टूटकर बना है. इस देश में लगभग 5000 मुस्लिम रहते हैं. जो इस देश की कुल आबादी का 0.1 फीसद हैं. इस देश में मस्जिद बनाने को लेकर कई बार विवाद हुए हैं. साल 2000 में तो स्लोवाकिया की राजधानी में एक इस्लामिक सेंटर बनाने को लेकर भी विवाद हो चुका है. यहां तक कि स्लोवाकिया में इस्लाम को एक आधिकारिक धर्म का दर्जा भी नहीं प्राप्त है. 30 नवंबर 2016 को स्लोवाकिया ने एक कानून पास किया था, जिसके बाद उसने इस्लाम को अपने देश में आधिकारिक धर्म का दर्जा देने से रोक दिया.


दूसरा देश एस्टोनिया


इएस्टोनिया दूसरा ऐसा देश है जहां एक भी मस्जिद नहीं है. इस देश में मुस्लिम आबादी बेहद कम है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार, वहां तब 1508 मुस्लिम रहते थे, यानि वहां की आबादी का केवल 0.14 फीसदी हिस्सा. हालांकि निश्चित तौर पर अब तक इसमें बढ़ोतरी हुई होगी, लेकिन अब ये संख्या बहुत कम है.


यहां कोई मस्जिद नहीं है. जबकि एक इस्लामिक कल्चर सेंटर जरूर है, जहां आमतौर पर मुस्लिम समाज नमाज के लिए इकट्ठा होते हैं. यहां आमतौर पर सुन्नी तातार और शिया अजेरी मुस्लिम एक साथ रहते हैं, जो कभी रूसी सेना में नौकरी किया करते थे. हालांकि, एस्टोनिया में कुछ जगहों पर लोग नमाज के लिए किसी कामन फ्लैट में भी इकट्ठा होते हैं. यहां सुन्नी और शिया साथ में ही नमाज पढ़ते हैं. यहां के मुस्लिमों को आमतौर पर माडरेट माना जाता है.


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