World's Strongest Beer: दुनिया में शराब पीने वाले लोगों की लिस्ट में भारतीय टॉप 5 में आते हैं, यहां आपको शराब और बियर पीने वाले हर परिवार में मिल जाएंगे. लेकिन इनमें से ज्यादातर लोग इसे सिर्फ खास मौकों पर ही पीते हैं. इस दौरान लोग कोशिश करते हैं कि वह अच्छी से अच्छी शराब या बियर पिएं. हालांकि, इसके बाद भी लोग ऐसी बियर नहीं पी पाते जिसकी हम बात कर रहे हैं. दरअसल, हम बात कर रहे हैं दुनिया की सबसे स्ट्रॉन्ग बियर की. ये इतनी स्ट्रॉन्ग है कि एक बार अगर आपने पी ली तो आपको होश में आने में काफी टाइम लग जाएगा.


कौन सी है दुनिया की सबसे स्ट्रॉन्ग बियर?


दुनिया की सबसे स्ट्रॉन्ग बियर का नाम है स्नेक वेनम (Snake Venom). इस बियर को BREWMEISTER कंपनी बनाती है. इस बियर के अंदर अल्कोहल की मात्रा 67.5 फीसदी होती है, जो दुनिया में किसी भी बियर के मुकाबले काफी ज्यादा है. यहां तक की कई देशों में बियर में इतनी ज्यादा अल्कोहल की मात्रा रखना गैरकानूनी भी है. ये एक ब्रिटिश बियर है, जो पूरी दुनिया में काफी लोकप्रिय है. हालांकि, इसे बेहद कम लोग ही पीते हैं. इस बियर की बोतल देखने में इतनी खतरनाक है कि आप उसे देख कर ही समझ जाएंगे कि इस चीज से दूर रहना ही बेहतर है. कंपनी दावा करती है कि इस बियर को बनाने के लिए वो स्मोक्ड पीट माल्ट और शैम्पेन यीस्ट के साथ साथ जौ के शराब का खमीर यानी एली यीस्ट का इस्तेमाल करती है. 330ml की एक बोतल बियर की कीमत लगभग 40 पाउंड है, जो भारतीय रुपये में 4 हजार रुपये से ज्यादा होती है.


इसे पीने के बाद क्या होता है?


इसे पीने वाले लोग बताते हैं कि अगर आपने इसे पहले कभी नहीं पिया है और पहली बार इसे पी रहे हैं, तो कोशिश करें कि आप हॉस्पिटल के नजदीक हों. उनका कहना है कि इसे पीने के बाद कई बार लोग उल्टियां करना शुरू कर देते हैं. अगर आपने इसे पिया और उल्टी नहीं की तो थोड़ी देर बाद ही आप अपना होश खोने लगेंगे और नशे में चूर हो जाएंगे. यहां तक की आपकी जबान लड़खड़ाने लगती है और आप सही से बोल भी नहीं पाएंगे. ये बियर पीने के बाद आपका शरीर सुन्न हो जाता है और आप एक जगह पड़ जाते हैं तो फिर आपका वहां से उठना मुश्किल हो जाता है. इस बियर का हैंगओवर भी तगड़ा होता है. इसे पीने वाले लोग बताते हैं कि इस बियर को पीने के बाद दूसरे दिन सिर में भयंकर दर्द होता है और कुछ करने का मन नहीं करता.


बियर की बोतल भूरे रंग की ही क्यों होती है?


दुनिया की सबसे नशीली बियर की बोतल भी भूरे रंग की होती है. यहां तक की ज्यादातर बीयर निर्माताओं ने भूरे रंग को ही बोतल के लिए चुना. दरअसल, भूरे रंग की बोतलों पर सूरज की किरणों का असर नहीं होता है और बियर जल्दी खराब नहीं होती है. यही कारण है कि क्लोरोफॉर्म यानी बेहोश करने वाले केमिकल को भी भूरे रंग की शीशी में ही रखा जाता है. होम्योपैथी की भी ज्यादातर दवाएं भूरे रंग की शीशी में ही आती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यह सूरज की किरणों से रिएक्शन नहीं करतीं और इन पर सूरज की किरणों का कोई असर नहीं होता.


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