Solar Panel Electricity Process: आजकल लोग बिजली के उपकरणों का खूब इस्तेमाल करते है. इसके इस्तेमाल से खूब बिजली का बिजली भी आता है. और खासतौर पर गर्मियों के मौसम में लोग जब घरों में एसी और कूलर चलाते हैं. तो ऐसे में बिजली का बिजली का बिल और ज्यादा आता है.


इसलिए अब लोग घरों में सोलर। पैनल लगवा रहे हैं. जिससे उन्हें पर्याप्त मात्रा में बिजली मिल रही है. और उनका बिजली का बिल भी नहीं आ रहा है. आज हम आपको बताएंगे किस तरह काम करते हैं सोलर पैनल. क्या होती है उनकी पूरी प्रक्रिया. क्या कोई घर भी सोलर पैनल बना सकता है या नहीं. तो चलिए जानते हैं इन सवालों के जवाब. 


कैसे जनरेट होती है बिजली?


सोलर पैनल को सौर ऊर्जा कहते हैं. यानी सोलर पैनल वह टेक्नोलॉजी है.  जिसमें धूप के सहारे मिलने वाली एनर्जी को इलेक्ट्रिक एनर्जी में बदला जाता है. सोलर पैनल को बनाने के लिए फोटोवोल्टिक सेल्स का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें ज्यादातर सिलिकॉन लेयर्स मौजूद होती हैं. फोटोवोल्टिक सेल्स सिलिकॉन लेयर्स के बीच में फिट होती है. 


सिलिकॉन लेयर्स में तरह-तरह की इलेक्ट्रॉनिक प्रॉपर्टी होती है. जो सूरज की किरणों के काॅन्टेक्ट में आने के बाद सक्रिय हो जाते हैं. इसके बाद इनमें एक  इलेक्ट्रिक फील्ड बनता है. जिसे फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट कहा जाता है. इसी से बिजली पैदा होने के लिए करंट बनता है. 


इन्वर्टर से बन पाती है इस्तेमाल के लिए बिजली


सोलर पैनल द्वारा बिजली के लिए डायरेक्ट करंट पैदा किया जाता है. इसके बाद इन्वर्टर की मदद से इसे एसी यानी अल्टरनेटिंग करंट जिसे प्रत्यावर्ती धारा कहते है उसमें बदला जाता है. तब जाकर ही इसका इस्तेमाल घर में और अन्य जगहों पर लगे बिजली के उपकरणों को चलाने के लिए इस्तेमाल हो पाता है. जो सीधे सोलर पैनल ले जुड़े होते हैं. 


घर में बना सकते हैं सोलर पैनल?


अक्सर कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि क्या वह सोलर पैनल घर में बना सकते हैं. तो इसका जवाब है हां. आप चाहें तो सोलर पैनल को अपने घर भी बना सकते हैं. आपको इसके लिए जरूरी सामान बाजार से खरीदना होगा. और उसे जोड़ने का तरीका सीखना होगा. हालांकि सोलर पैनल भले ही आप घर पर बना लें. लेकिन इसके लिए इस्तेमाल होने वाली बैटरी और इन्वर्टर आपको बाजार से ही खरीदना होगा. 


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