Climate Change: दुनिया भर (World) में मौसमी घटनाएं सुर्खियों में चल रही हैं, लेकिन क्या ऐसा हर एक देश के साथ हो रहा है? नहीं! ऐसा सभी के साथ तो नहीं हो रहा, फिर भी दुनिया के कई देश और इलाके ऐसी हैं जो इस साल जलवायु परिवर्तन के कारण चरम मौसमी घटनाओं को झेल रहे हैं. महीनों पहले ही संयुक्त राष्ट्र के इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज ने ऐसी चरम मौसमी घटनाओं का के होने का पूर्वानुमान लगा लिया था और कहा था कि ऐसी घटनाएं ज्यादा और बार-बार होंगी. आइए जानें कौन कौन से देश इन चरम मौसमी घटनाओं का शिकार हुए हैं. 


ऑस्ट्रेलिया: यहां कई इलाकों में बाढ़ ने इस साल कहर बरपाया है. अभी भी दक्षिण-पूर्व के अंदरूनी इलाकों में लोगों से उनके घर खाली करने को कहा जा रहा है, क्योंकि आने वाले समय में बाढ़ फिर से आ सकती है. 


मध्य अफ्रीका: मध्य अफ्रीका के बड़े देश चाड में लंबे समय से सूखे के बाद, 30 सालों में इस साल सबसे भारी बारिश का मौसम देखने को मिला. भारी बारिश के कारण राजधानी एनजमेना (N'Djamena) के कई इलाकों सहित बड़े-बड़े क्षेत्र पानी में ऐसे डूब गए. 


थाईलैंड: हाल ही में थाईलैंड में भी आठ दक्षिणी प्रांतों में बाढ़ की चेतावनी दी गई है. देश के 40 फीसदी प्रांत पहले ही बाढ़ से जलमग्न हो चुके हैं और बाढ़ के प्रकोप से जूझ रहे हैं. भारी बारिश और कटिबंधीय तूफानों की वजह से देश के 77 प्रांतों में से 59 बाढ़ से पीड़ित हैं. 


फिलीपींस: हाल ही में उत्तरी फिलीपींस में एक कटिबंधीय तूफान के कारण भूस्खलन की घटना हुई जो एक टाइफून में बदल गया. तकरीबन हजार लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया. यहां 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के साथ हवा चली. यह और तेज होकर दक्षिणी चीन सागर की ओर जा रही है. 


मैक्सिको: Mexico की दक्षिणी खाड़ी के तटों के पास कटिबंधीय तूफान कार्ल के कारण भारी बारिश हुई, जिसके कारण कई नदी नालों में बाढ़ आ गई. इसमें एक व्यक्ति के मारे जाने की पुष्टि हुई. मैक्सिको के नेशनल वाटर कमीशन ने चेतावनी दी है कि बारिश के कारण भूस्खलन हो सकता है, नदियों-नालों में जलस्तर बढ़ने के साथ ही निचले इलाकों में बाढ़ आने की भी संभावना है. 


पाकिस्तान: पाकिस्तान में हाल में बाढ़ की कोई घटना नहीं हुई है, लेकिन इसी साल जून में वहां आई भीषण बाढ़ में 1700 से ज्यादा लोगों की हो गई. यह पाकिस्तान के इतिहास में आई सबसे भीषण बाढ़ थी, जिसका असर अब भी देखने को मिलता है. इस बाढ़ की वजह मानसून बारिश और ग्लेशियरों का अचानक एक साथ भारी मात्रा में पिघलना बताया गया है. ऊपर बताई गई सभी घटनाओं का संबंध जलवायु में होने वाले परिवर्तन से है. 


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