कभी किसी का जूता चुनाव चिह्न देखा है? जानिए किन-किन चीजों को नहीं बनाया जाता है सिंबल?
Election Symbol: चुनाव आयोग किसी प्रत्याशी या पार्टी को इलेक्शन लड़ने के लिए सिंबल के तौर पर क्या-क्या दे सकता है? आज की स्टोरी में हम इसके बारे में जानने वाले हैं.
Election Symbol: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के रिजल्ट जल्द जारी किए जाएंगे. इसके लिए वोटिंग लगभग पूरी हो चुकी है. चुनाव आयोग के तरफ से तैयारियों को लेकर पूरा खांका तैयार कर लिया गया है. एग्जिट पोल भी आने शुरू हो गए हैं. एग्जिट पोल हो या चुनाव का रिजल्ट किसी प्रत्याशी या पार्टी के बारे में बताने के लिए चुनाव चिन्ह का ही इस्तेमाल किया जाता है. अब यहां सवाल यह उठता है कि चुनाव चिन्ह के तौर पर किन चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. कई बार तो ऐसे चुनाव चिन्ह मिल जाते हैं, जिसको लेकर हँसी आ जाती है. आइए इसके बारे में जानते हैं.
इनका नहीं होता इस्तेमाल
चुनाव आयोग (ECI) को The Election Symbols (Reservation and Allotment) Order, 1968 के तहत क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों को चुनाव चिह्न आवंटित करने का अधिकार है. इसके तहत चुनाव आयोग के पास 100 से सवा सौ फ्री सिंबल रहते हैं. ये किसी भी पार्टी को अलॉट नहीं किए जाते. इनमें नए दलों या आजाद उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित किया जाता है. चुनाव आयोग ने जिन राष्ट्रीय दलों को चुनाव चिह्न आवंटित किए हैं, वे रिजर्व श्रेणी में आते हैं. इन चुनाव चिह्नों पर देश भर में संबंधित पार्टी का ही एकाधिकार रहता है.
इन पर है पाबंदी
चुनाव आयोग ने एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट्स के विरोध के बाद पशु पक्षियों की फ़ोटो वाला चुनाव चिह्न देना बंद कर दिया है. अब निर्जीव चीज़ ही चुनाव चिह्न के तौर पर आवंटित की जाती है. जैसे- जूत्ता, चप्पल, एयर कंडीशनर, गोभी, नेल कटर, एक्सटेंशन बोर्ड, कॉफी आदि. चुनाव आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है. यह निकाय भारत में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के पदों के लिए चुनाव कराता है.
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