कई बार अपनी जगह पर क्यों नहीं होते शरीर के अंग, इससे क्या होता है नुकसान?
दुनियाभर के अधिकांश लोगों के शरीर के अंग अक्सर एक जगह ही होते हैं. लेकिन कुछ फीसदी मामलों में इंसानों के शरीर के अंदर के अंग दूसरी जगहों पर होते हैं. इंसान को ये बात कई सालों के बाद पता चलती है.
सभी लोगों के शरीर के अंग अमूमन एक निर्धारित क्रम और स्थिति में होते हैं. जैसे सभी आंख, नाक, कान, दिल, किडनी सब एक जगह होता है. लेकिन कई बार ऐसे मामले भी सामने आते हैं, जब इंसान के शरीर का अंग दूसरी जगहों पर होता है. क्या आप जानते हैं कि इंसान के शरीर का अंग जब दूसरी जगह पर होता है, तो उससे क्या दिक्कत होती है. आज हम आपको बताएंगे कि शरीर का अंग दूसरी जगह होने पर किस तरह की दिक्कत होती है.
शरीर के अंग
इंसान कभी भी अपने अंदर देख नहीं पाता है कि शरीर का कौन सा हिस्सा किस जगह पर है. लेकिन उसे ये जरूर पता होता है कि कौन सा अंग किन जगहों पर फंक्शन कर रहा है. उदाहरण के लिए एपेंडिसाइटिस या पित्ताशय की पथरी से पीड़ित कोई भी व्यक्ति आपको सटीक रूप से बता देगा कि उसे दर्द कहां हो रहा है. हालाँकि कभी-कभी अंग शरीर के गलत हिस्सा में पहुँच जाता है.
कब होता है अंग दूसरी जगह
डेक्सट्रोकार्डिया भी ऐसा ही है. इसमें हृदय थोड़ा खिसक जाता है. इसे लेवोकार्डिया के रूप में जाना जाता है. ये बाईं की बजाय दाईं ओर मुड़ जाता है. हालांकि यह काफी दुर्लभ घटना है, लगभग 12,000 लोगों में से एक का जन्म इस तरह होता है. बता दें कि जहां किसी अन्य असामान्यता के अभाव में ऐसा होता है, वहां इस अवस्था वाले लोग सामान्य जीवन जीते हैं, बस एकमात्र लक्षण ये है कि ईसीजी जांच पर एक अलग रीडआउट होगा.
इसके अलावा कुछ लोगों में पेट और वक्ष की सारे अंग विपरीत दिशा में पलट सकते हैं, इसे साइंस में साइटस इनवर्सस टोटलिस के रूप में जाना जाता है. गायक डॉनी ओसमंड और एनरिक इग्लेसियस की भी यही स्थिति है, अभिनेत्री कैथरीन ओहारा की भी यही स्थिति है. ओसमंड की इस स्थिति का का पता तब चला जब उनके एपेंडिसाइटिस को नजरअंदाज कर दिया गया था, क्योंकि उन्हें सामान्यत: दाईं तरफ महसूस होने वाला दर्द बाईं ओर अनुभव हुआ था.
शरीर में क्या होता बदलाव
जानकारी के मुताबिक जन्म के साथ जब शरीर के अंगों के जगह बदलते होते हैं, उन व्यक्तियों को बहुत ज्यादा दिक्कतें नहीं होती हैं. हां ये जरूर है कि दर्द दूसरी दिशा में करता है, जिस कारण डॉक्टर और उस व्यक्ति को कई बार गंभीर बीमारियों के बारे में भी देर से पता चलता है. वहीं कुछ केस में देखा गया है कि उस व्यक्ति को कई बार शरीर में कुछ बदलाव महसूस होता है, लेकिन अमूमन शरीर में बड़ी दिक्कत नहीं होती है. हालांकि मेडिकल रिपोर्ट पर गंभीरता से जांच किया जाता है.
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