बच्चा पैदा करने पर लाखों रुपये दे रही है ये कंपनी, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
दक्षिण कोरिया की कंपनी बूयॉन्ग देश में तेजी से गिरते प्रजनन दर को लेकर चिंतित है. ऐसे में वो अपने कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को बच्चा पैदा करने पर 75000 डॉलर लगभग 62 लाख रुपये दे रही है.
दुनिया में कुछ देशों की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है तो कुछ देशों की जनसंख्या अब तेजी से घट रही है. ऐसे में दोनों तरह के देश अपनी-अपनी समस्याओं से निपटने के लिए अलग-अलग तरकीबें अपना रहे हैं. ऐसा ही एक देश दक्षिण कोरिया है. यहां जनसंख्या तेजी से घट रही है. यही वजह है कि यहां लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
कौन सी कंपनी दे रही है पैसा
दक्षिण कोरिया की कंपनी बूयॉन्ग ग्रुप देश में तेजी से गिरते प्रजनन दर को लेकर चिंतित है. ऐसे में वो अपने कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को बच्चा पैदा करने पर 75000 डॉलर लगभग 62 लाख रुपये दे रही है. कंपनी का कहना है कि इसके साथ-साथ वह ऐसे कर्मचारियों को और भी तरह की सुविधाएं और छुट्टियां भी मुहैया कराएगी.
सबसे कम प्रजनन दर
दक्षिण कोरिया इस समय दुनिया की सबसे कम प्रजनन दर की समस्या से जूझ रहा है. साल 2022 की रिपोर्ट देखें तो यहां प्रजनन दर 0.78 थी. वहीं, सांख्यिकी पर कोरिया के आधिकारिक पूर्वानुमानों के अनुसार, साल 2025 में यह अनुपात गिरकर 0.65 हो सकता है. ऐसे में देश के सामने यह एक बड़ी समस्या है. यही वजह है कि बूयॉन्ग कंपनी अपने कर्मचारियों को वित्तीय सहायता दे कर गंभीर जनसांख्यिकीय संकट से निपटने की कोशिश कर रहा है. कंपनी का कहना है कि उसका लक्ष्य घटती प्रजनन दर को उलटना और देश के लिए सार्थक योगदान देना है.
किसको मिलेगा लाभ
कंपनी का कहना है कि ये सुविधा महिला और पुरुष दोनों तरह की कर्मचारियों के लिए है. कंपनी का कहना है कि पर्याप्त आर्थिक गिफ्ट्स के अलावा 3 बच्चों वाले कर्मचारियों को एक और अनोखा विकल्प दिया जा रहा है. ऐसे कर्मचारी या तो 30 करोड़ कोरियाई वॉन यानी लगभग 1 करोड़ रुपये ले सकते हैं या फिर किराये पर आवास की सुविधा ले सकते हैं.
किराये के घर वाला विकल्प सरकार द्वारा दी की गई जमीन पर निर्भर है. आपको बता दें, ये कंपनी पहले भी ऐसा कर चुकी है. दरअसल, साल 1983 में स्थापित बूयॉन्ग ग्रुप ने अब तक 2,70,000 से अधिक घरों का निर्माण किया है और अब दक्षिण कोरिया की जनसांख्यिकीय चुनौतियों का समाधान करने में मुख्य भूमिका निभा रहा है.
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