अंतरिक्ष पूरी तरह से रहस्यमयी है. अंतरिक्ष को लेकर लोगों में कई बात जानने की उत्सुकता रहती है. कई देश अंतरिक्ष में अलग-अलग खोज के लिए अपने एस्ट्रोनॉट भेजते हैं. वहां उन्हें पृथ्वी से काफी अलग माहौल और परिस्थितियां मिलती हैं. इतना ही नहीं अंतरिक्ष के सफर में उन्हें बहुत सारी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है. कभी ना कभी आपके मन में ये भी सवाल आया होगा कि अंतरिक्ष में एल्ट्रोनॉट नहाते कैसे हैं. आज हम आपको इस सवाल का जवाब देंगे.
पानी का उपयोग मुश्किल
ये बात सच है कि एस्ट्रोनॉट पृथ्वी की तरह अंतरिक्ष में पानी का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण की कमी की वजह से काफी कम पानी का इस्तेमाल किया जाता है. जानकारी के मुताबिक एस्ट्रोनॉट नहाने के लिए अपने शरीर को गीले तौलिये से पोछते हैं. इसके अलावा अपने बालों को पानी रहित शैंपू से धोते हैं. इस शैंपू में पानी का काफी कम या बिल्कुल नहीं के बराबर इस्तेमाल होता है. वहीं शैंपू में कोई झाग नहीं होता है, क्योंकि झाग अंतरिक्ष शटल के अंदर बिखर सकता है.
लिक्विड सोप
इसके अलावा जब अंतरिक्ष यात्रियों को अपने हाथ या चेहरे को साफ करना होता है तो वे लिक्विड सोप वाले गीले तौलिये का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा वे खुद को सुखाने के लिए सूखे तौलिये का उपयोग करते हैं.
कम विकल्प
नासा के शुरुआती दिनों में जेमिनी और अपोलो मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों के पास बहुत कम विकल्प थे. लेकिन तौलिये, साबुन और पानी के साथ स्पंज स्नान कर सकते थे. लेकिन उस वक्त छोटे कैप्सूलों में पानी बहुत सीमित मात्रा में होता था. 1960 के दशक में इन अंतरिक्ष यात्रियों ने वास्तव में अपने कपड़े भी नहीं बदले थे. लेकिन जब अंतरिक्ष स्टेशन स्काईलैब कक्षा में था, तो उसमें शॉवर की व्यवस्था थी. इसमें अंतरिक्ष यात्री अपने ऊपर लिक्विड साबुन लगा लेते थे और फिर ट्यूब के अंदर एक नली और शॉवरहेड के माध्यम से आने वाले मात्र 12 कप (2.8 लीटर) दबाव वाले पानी से इसे धो देते थे.
अब विकल्प ज्यादा
बता दें कि पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ने शॉवर लेने की स्थिति में सुधार किया है. जानकारी के मुताबिक सारा पानी छोटी-छोटी थैलियों में दिया जाता है. इसके अलावा जो भी पानी उनकी त्वचा पर लग जाता है, वह बूंदों के रूप में चिपक जाता है. सफाई के लिए अंतरिक्ष यात्री साबुन, साथ ही थैली से थोड़ा सा पानी और शैंपू का उपयोग करते हैं. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन प्रणाली अब नहाने से लेकर पेशाब करने तक पानी की हर बूंद को पुनः प्राप्त करती है, फिर इसे साफ करती है और इसका पुन: उपयोग करती है.
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