एस्ट्रोनॉट खायेंगे फ्रेंच फ्राइज, अंतरिक्ष में इस तरह आलू को तला जा सकेगा
Space Research : एक नए प्रयोग में पाया गया है कि अब अंतरिक्ष में फ्रेंच फ्राइज बनाए जा सकेंगे. यह कैसे मुमकिन होगा? जानने के लिए खबर पढ़िए
French Fries in Space : धरती से इंसान का मन नहीं भरा था कि अब स्पेस की बारीकियों पर शोध करना शुरू कर दिया है. स्पेस पर शोध तो लंबे समय से चला आ रहा है, लेकिन इस बार सामने आई जानकारी दिलचस्प है. वैज्ञानिकों के स्पेस में आलू तलने पर शोध किया है. देखिए, स्पेस में खाना बनाना एक बड़ा टास्क है. यह किसी पहाड़ को पार करने से कम नहीं है. यही वजह है कि वैज्ञानिक खाना बनाने की चीजों पर शोध कर रहे हैं. नई स्टडी में यूरोपीय स्पेस एजेंसी के वैज्ञानिकों ने स्पेस में तलने के प्रोसेस की पड़ताल की है. पड़ताल में हर बारीकी का पता लगाया है. तो क्या अब अंतरिक्ष में जाने वाले लोग फ्रेंच फ्राइज खा सकेंगे.
अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बल नहीं
तले हुए आलू यानी फ्रेंच फ्राइज को दुनिया भर में खाया जाता है. इन्हें बनाना इतना आसान है कि कई लोग तो घर पर ही बनाकर चाव से खाते हैं. फ्रेंच फ्राइज को धरती पर जितनी आसानी से बनाया जा सकता है, उतना ही मुश्किल इन्हें स्पेस में बनाना है. सबसे पहले तो सब कुछ अंतरिक्ष में ओपन में नहीं रखा जा सकता है, क्योंकि सब कुछ तैरना शुरू हो जाएगा. अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बल नहीं है, जिसकी वजह से वहां खाना बनाने का प्रोसेस धरती जैसा नहीं है.
अंतरिक्ष में आलू तलना कितना मुश्किल?
अंतरिक्ष में अगर आलू को तला जाएगा तो बिना गुरुत्वाकर्षण बल के बुलबुले आलू की सतह पर चिपक सकते हैं. इससे आलू पर एक लेयर बन जाएगी, जिससे आलू नहीं गलेंगे. अब सवाल है कि फिर कैसे आलू को तला जाएगा?
कैसे बनेंगे फ्रेंच फ्राइज?
देखिए, इसके लिए एक नया उपकरण तैयार किया गया है. इस उपकरण की सहायता से सूक्ष्मगुरुत्व में आलू को तला जा सकेगा. इसकी टेस्टिंग भी की गई है. टेस्टिंग में पाया गया कि अगर आलू को सूक्ष्म गुरुत्व के हालात में तेल डाला जाता है, तो बुलबुले आलू की लेयर से अलग हो जाते है. इस प्रयोग से पता चलता है कि अब अंतरिक्ष में यात्रियों को नई दुनिया खोजते समय नया और गीला खाना खाने को मिलेगा.
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