भारत में बिजली की समस्या हमेशा से रही है. तेज बारिश हो या आंधी आ जाए, बिजली तुरंत कट जाती है. इसके अलावा भारत में कई ऐसे गांव और शहर हैं, जहां 24 घंटे अभी भी बिजली की सुविधा नहीं है. भारत के अलावा दुनिया में भी कई ऐसे देश हैं, जहां बिजली की सुविधा अच्छी नहीं है.
लेकिन, अब कहा जा रहा है कि वैज्ञानिक एक ऐसी तकनीक विकसित करने जा रहे हैं, जिसकी मदद से बिजली की सप्लाई अंतरिक्ष से होगी और वह किसी भी आंधी तूफान से प्रभावित नहीं होगी. चलिए इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
क्या है पूरा मामला
हाल ही में ब्रिटेन की एक स्टार्टअप फर्म ने कहा कि वह 2030 में स्पेस-बेस्ड सोलर पावर (SBSP) प्रोजेक्ट को तैयार कर लेगी जो धरती को सीधे स्पेस से बिजली सप्लाई करेगा. आपको बता दें, इस तरह के प्रोजेक्ट पर ब्रिटेन के अलावा, अमेरिका, जापान समेत यूरोप के कई देशों में काम चल रहा है.
स्पेस से कैसे बिजली मिलेगी
दरअसल, धरती पर सूरज उगने और अस्त होने का समय है. लेकिन स्पेस में ऐसा नहीं है. वहां सूरज की रौशनी हमेशा रहती है. इसके अलावा धरती पर कई बार मौसम खराब होने की वजह से सूरज की रौशनी नहीं पहुंच पाती. लेकिन, स्पेस में ऐसी कोई दिक्कत नहीं है.
यही वजह है कि वैज्ञानिक ऐसे सोलर प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जो स्पेस बेस्ड हो और वहीं से धरती को 24 घंटे, 365 दिन बिजली की सप्लाई बिना किसी रुकावट के मिलती रहे. अगर ये प्रोजेक्ट सफल हुआ तो धरती के हर कोने तक बिजली की पहुंच होगी और दुनिया में और तेजी से विकास होगा.
स्पेस में कैसे लगेगा सोलर प्लांट
वैज्ञानिक ऐसा सैटेलाइट की मदद से करेंगे. दरअसल, इस प्रोजेक्ट पर लगे वैज्ञानिक एक ऐसे सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेंगे जिस पर बड़े-बड़े सोलर पैनल लगे होंगे. ये सोलर पैनल सौर ऊर्जा की मदद से बिजली का उत्पादन करेंगे. सबसे बड़ी बात कि इस बिजली को बिना किसी तार या खंभे के 2.45 गीगाहर्ट्स की फ्रीक्वेंसी से पृथ्वी पर स्थित रिसीवर पर भेजा जाएगा.
इसके अलावा दूसरा जो विकल्प है उसके मुताबिक, सैटेलाइट के जरिए सीधा 30 मेगावॉट ऊर्जा की बीम धरती पर छोड़ी जाएगी, जिससे लगभग 3 हजार घरों तक बिजली पहुंचाई जाएगी.
सैटेलाइट के आकार की बात करें तो ये करीब 400 मीटर चौड़ा होगा, जिसका वजन लगभग 70 टन तक होगा. अभी तक जो जानकारी निकल कर आ रही है उसके मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के लिए जो सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में स्थापित की जाएगी, उसे एलन मस्क की स्पेसएक्स कंपनी के स्टारशिप रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा.
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