Space Tourism: एक आम नागरिक घूमने के लिए आस-पास की जगह जाता है. एक अमीर व्यक्ति घूमने के लिए दूसरे देश की यात्रा कर आता है. पहले घूमने के लिए लोग कहीं दूर आईलैंड पर जाया करते थे. आज घूमने के लिए एक नया विकल्प उभर कर आ रहा है. यह विकल्प सिर्फ कहने के लिए ही नहीं बल्कि असल में दुनिया से परे हैं. हम बात कर रहे हैं स्पेस टूरिज्म की. चंद पलों के मनोरंजन के लिए रईस लोग करोड़ों रुपये खर्च करने के लिए तैयार है. आइए जानते हैं कि स्पेस टूरिज्म क्या है और आपको यह अनुभव करने के लिए कितनी जेब खाली करनी पड़ेगी. 


क्या होता है स्पेस टूरिज्म? 


साल 1961 में पहली बार किसी इंसान ने अंतरिक्ष को करीब से देखा था. यह इंसान सोवियत संघ का एस्ट्रोनॉट Yuri Gagarin था. तब से अब तक सौरमंडल और बाकी गृहों को समझने के लिए कई सारे स्पेस मिशन हुए हैं. समय के साथ विज्ञान और टेक्नॉलॉजी में तरक्की भी हुई है. आज अंतरिक्ष में सिर्फ विज्ञान ही नहीं बल्कि स्पेस टूरिज्म के लिए भी अवसर खुल गया है. स्पेस टूरिज्म यानी अंतरिक्ष की यात्रा. इसके जरिए लोग पैसे देकर अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव कर सकते हैं. इसका मकसद मनोरंजन है. कई कंपनियों ने अंतरिक्ष की यात्रा कराने की तैयारी शुरू कर दी है. 


अंतरिक्ष की यात्रा में प्रति यात्री कितना खर्चा होगा?


जैसा कि आप अंदाजा लगा सकते हैं, स्पेस ट्रेवल की कीमत भी दुनिया से बाहर की होगी. अभी केवल कुछ ही कंपनी लोगों को अंतरिक्ष की सैर कराने में सफल हुई है. इनमें भी स्पेस के लिए कंपनियों के अलग-अलग मायने हैं. इसका मतलब है कि इन सब के अंतरिक्ष यान अलग-अलग ऊंचाई की यात्रा कराते हैं. इन स्पेस टूरिज्म की ज्यादातर कंपनियों के टिकट की कीमत अभी तय नहीं हुई है.


स्पेस टूरिज्म में अरबपति बिज़नेसमैन सर रिचर्ड ब्रैनसन की Virigin Galactic मशहूर नाम है. इसमें एक यात्री की टिकट 2 करोड़ रुपये से शुरू होती है. वहीं, अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस की Blue Origin की स्पेस ट्रेवल कंपनी की कीमत अभी तय नहीं हुई है. कुछ रिपोर्ट के मुताबिक, एक टिकट 2.5 करोड़ रुपये की हो सकती है. अंतरिक्ष पर्यटन के बढ़ते बाजार के बीच अब भारत भी इस बाजार में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है. रिपोर्ट के मुताबिक, 6 करोड़ रुपये प्रति यात्री की लागत से भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO साल 2030 तक अंतरिक्ष पर्यटन शुरू करने की योजना बना रही है.


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