पुलिस में भी होती है खास स्पेशल फोर्स, मिलती है इतनी ज्यादा सैलरी और सुविधाएं
सैलरी और सुविधाओं की बात करें तो स्पेशल यूनिट में तैनात पुलिस के जवानों को आम पुलिस के जवानों के मुकाबले अतिरिक्त भत्ता और सुविधाएं मिलती हैं.
देश में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के अलावा कुछ स्पेशल फोर्सेज भी काम करती हैं. इसी तरह से राज्यों में पुलिस फोर्स के अंदर ही एक खास यूनिट होती है जिसे स्पेशल फोर्स कहा जाता है. अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम की यूनिट होती है. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. इसके साथ ही ये भी बताते हैं कि आखिर ये स्पेशल यूनिट किस तरह का काम करती है.
अलग-अलग राज्यों की स्पेशल फोर्स
सबसे पहल बात उत्तर प्रदेश की करते हैं. उत्तर प्रदेश में आतंकवाद और संगठित अपराध से निपटने के लिए दो स्पेशल यूनिट बनाई गई है.
एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS)-
यह स्पेशल यूनिट आतंकवाद से निपटने के लिए बनाई गई है और इसमें हाई लेवल की ट्रेनिंग वाले पुलिस के जवान और अधिकारी होते हैं, जो संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखते हैं.
स्पेशल टास्क फोर्स (STF)- वहीं STF उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध, माफिया गतिविधियों और गंभीर अपराधों से निपटने के लिए है. यह यूनिट अपहरण, तस्करी और उग्रवाद से जुड़े मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
महाराष्ट्र की फोर्स वन
महाराष्ट्र में आतंकवाद से निपटने के लिए फोर्स वन यूनिट है. दरअसल, मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले के बाद, राज्य ने इस विशेष आतंकवाद विरोधी बल की स्थापना की थी. यह यूनिट राज्य में होने वाली किसी भी घटना पर तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए जानी जाती है. इस यूनिट के पास आम पुलिस बल से ज्यादा आधुनिक और खतरनाक हथियार होते हैं.
दिल्ली की स्पेशल सेल और स्वाट
देश की राजधानी दिल्ली में, राज्य पुलिस के पास दो खास यूनिट हैं. पहली स्पेशल सेल और दूसरी स्वाट. ये यूनिट आतंकवाद विरोधी गतिविधियों और बड़े अपराधों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
स्पेशल सेल- स्पेशल सेल की बात करें तो ये यूनिट आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराध से निपटने के लिए बनाई गई है. इसके अलावा स्पेशल सेल, खुफिया जानकारी जुटाने और संवेदनशील मामलों की जांच करने में सबसे आगे रहती है.
स्वाट (SWAT)- ये यूनिट दिल्ली में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों और संकट की स्थितियों में तेजी से काम करने के लिए जानी जाती है.
राजस्थान की दो स्पेशल यूनिट
अन्य राज्यों की तरह, राजस्थान में भी पुलिस के में स्पेशल यूनिट हैं.
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG)- यह स्पेशल यूनिट आतंकवाद और संगठित अपराध से निपटने के लिए जानी जाती है. इसके अलावा SOG राजस्थान में माओवाद और संगठित अपराध के खिलाफ भी बड़े ऑपरेशनों में शामिल रहती है.
एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS)- एटीएस खासतौर से आतंकवाद विरोधी मामलों में काम करता है और संदिग्ध मामलों और लोगों पर नजर रखता है.
पंजाब में भी दो स्पेशल यूनिट
पंजाब में भी उग्रवाद, आतंकवाद और माफिया से निपटने के लिए अलग-अलग स्पेशल यूनिट्स बनाए गए हैं. इसमें पहला एसओजी है और दूसरा एजीटीएफ है.
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG)- यह स्पेशल यूनिट आतंकवाद और संगठित अपराध से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहती है.
एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF)- इस स्पेशल यूनिट का उद्देश्य राज्य में गैंगस्टर और संगठित अपराध से निपटना है.
पश्चिम बंगाल की स्पेशल यूनिट
पश्चिम बंगाल पुलिस में भी अन्य राज्यों की तरह स्पेशल यूनिट काम करते हैं. पहला कोलकाता पुलिस कमांडो है और दूसरा एंटी टेररिस्ट स्क्वाड.
कोलकाता पुलिस कमांडो- यह स्पेशल यूनिट विशेष सुरक्षा के लिए तैयार की गई है और किसी भी स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया करने के लिए जानी जाती है.
एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS)- यह फोर्स राज्य में आतंकवाद विरोधी गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
सैलरी और सुविधाएं
सैलरी और सुविधाओं की बात करें तो स्पेशल यूनिट में तैनात पुलिस के जवानों को आम पुलिस के जवानों के मुकाबले अतिरिक्त भत्ता और सुविधाएं मिलती हैं. हालांकि, स्पेशल यूनिट में तैनात जवानों को आम पुलिस के जवानों से ज्यादा काम करना पड़ता है और ज्यादा खतरे का सामना भी करना पड़ता है.
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