किसी भी देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी सुरक्षा एजेंसियों के हाथों में होती है. लेकिन किसी भी देश को बाहरी दुश्मनों से बचाने की जिम्मेदारी उस देश की सुरक्षा एजेंसियों की होती है. जो हर छोटे-बड़े घटनाओं और दुश्मनों पर नजर टिकाकर रखते हैं. वहीं देश की स्पेशल फोर्स पलक झपकते ही दुश्मनों को मार गिराते हैं. आज हम आपको दुनिया के टॉप स्पेशल फोर्स के बारे में बताएंगे, जिसका दुश्मनों पर एक्शन सबसे तेज होता है. 


स्पेशल फोर्स 


किसी भी देश के स्पेशल फोर्स के पास सभी बड़े ऑपरेशनों की जिम्मेदारी होती है. वहीं इस मामले में ब्रिटेन की एसएएस को सबसे ऊपर माना जाता है. यह दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे अच्छी अभिजात वर्ग समूह है. इस स्पेशल एयर सर्विस का गठन दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1941 में किया गया था. इस फोर्स को पूरी दुनिया में इनकी जाबांजी और ऑपरेशन के लिए जाना जाता है. इस फोर्स की ट्रेनिंग काफी मुश्किलभरी होती है. इतना ही नहीं ये फोर्स अमेरिकी नौसेना सील और संयुक्त राज्य अमेरिका में अन्य विशिष्ट समूहों को प्रशिक्षित करने के लिए भी जानी जाती है.


यूएस


इसके बाद अमेरिका सबसे घातक और खतरनाक कमांडो फोर्स नेवी सील को माना जाता है. जानकारी के मुताबिक सील टीम को जमीन से अधिक पानी में प्रशिक्षित किया जाता है, क्योंकि वे एक समुद्री विशेष समूह बनने के लिए परिपूर्ण हैं. इसका गठन 1962 में नदी, महासागर और दलदल जैसे जल निकायों के हमलों से निपटने के लिए किया गया था. इनकी ट्रेनिंग को भी दुनिया में सबसे खतरनाक माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि 100 में से 95 सैनिक तो नेवी सील में शामिल होने से पहले ही रिजेक्ट कर दिये जाते हैं. इस सील टीम -6 को अफगानिस्तान में ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए भी जाना जाता है.


यूएस डेल्टा


यूएसए की डेल्टा फोर्स का नाम भी टॉप 5 में आता है. प्रथम Sppecial Force Operational Detachment-Delta (1st SFOD-D) मुख्य रूप से डेल्टा के नाम से विश्व प्रसिद्ध है. इस कमांडो फोर्स को दुनिया की सबसे खतरनाक और तेज कार्रवाई ऑपरेशन के लिए जाना जाता है. इसका स्थान अमेरिका खुफिया बलों में सबसे ऊपर है. बता दें कि डेल्टा फोर्स यू एस की नेवी सील से अलग है, क्योंकि इसकी चयन प्रक्रिया और प्रशिक्षण दोनों अलग हैं. बता दें कि 11 सितंबर, 2001 के दौरान अफगानिस्तान में तालिबान को खत्म करने के लिए डेल्टा फोर्स का इस्तेमाल किया गया था.


रूस


इसके बाद रूस की स्पेशल फोर्स स्पट्सनाज का नाम आता है. यह दुनिया का अत्यधिक प्रशिक्षित स्पेशल फोर्स है. इनके प्रशिक्षण को दुनिया में सबसे क्रूर और सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है. बता दें कि ये कमांडों इतने खतरनाक हैं कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी रूस को उबारने की काबिलियत रखते हैं. इतना खतरनाक परिक्षण यूरोप और अमेरिका में प्रतिबंधित है. ये सीधे सैन्य खुफिया समूह GRU (Spetsnaz GRU) द्वारा नियंत्रित हैं. ये द्वितीय विश्व युद्ध, बचाव अभियानों और कई उच्च-प्रोफाइल हत्याओं के दौरान गुप्त कार्रवाई करने के लिए जाने जाते हैं. 


मार्कोस


इसके अलावा भारत के मार्कोस भारतीय नौसेना के समुद्री कमांडो समूह का नाम भी टॉप स्पेशल फोर्स में लिया जाता है. देश के मरीन कमांडो जमीन,हवा,और पानी में लड़ने के लिए पूरी तरह से सक्षम होते है. मार्कोस दुनिया के सबसे ताकतवर और खतरनाक कमांडों में से एक हैं. कहा जाता है कि 10,000 में से एक जवान मार्कोस बनता है. ये जवान हाथ-पैर बंधे होने पर भी तैर सकते है. कारगिल युद्ध में इन्होंने सेना की सहायता की थी और 26 /11 के मुंबई हमले में आतंकवादियों से निपटने में इनकी खास भूमिका थी. 


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