बच्चे जब पहले दिन स्कूल जाते हैं तो उनसे कहा जाता है कि वह पूरे क्लास के सामने अपना परिचय दें. अब सोचिए अगर कोई बच्चा परिचय देने के लिए खड़ा हो और सबसे कहे कि मैं भेड़िया हूं तो क्या होगा. जाहिर सी बात है पूरी क्लास बच्चे की बात पर हंसने लगेगी.


हालांकि, ये हंसने की बात नहीं है. ऐसा स्पीशीज डिस्फोरिया (Species Dysphoria) के कारण हो सकता है. हाल ही में ब्रिटेन में एक ऐसा ही मामला देखने को मिला है. चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला और स्पीशीज डिस्फोरिया में इंसान किस तरह की हरकतें करने लगता है.


क्या है ब्रिटेन का मामला


द डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में ब्रिटेन के एक स्कूल में एक बच्चे ने खुद को भेड़िया बताया. बच्चे ने कहा कि वह भेड़िया है और इसी पहचान के साथ स्कूल में पढ़ना चाहता है. सबसे बड़ी बात कि स्कूल ने बच्चे को इसकी अनुमति भी दे दी है. दरअसल, स्कूल स्पीशीज डिस्फोरिया से परिचित है, इसलिए स्कूल ने बच्चे के दावे का समर्थन किया है.


हालांकि, ये पहली घटना नहीं है. ब्रिटेन में ऐसे कई स्कूल हैं जहां बच्चे अलग-अलग जानवरों का व्यक्तित्व अपना कर पढ़ाई कर रहे हैं. यानी इन स्कूलों में कुछ बच्चे अपने आप को सांप, पक्षी, ड्रैगन, लोमड़ी और यहां तक डायनासोर भी बताते हैं.


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क्या है स्पीशीज डिस्फोरिया


स्पीशीज डिस्फोरिया एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपनी शारीरिक पहचान से अलग प्रजाति के जीव के रूप में खुद को महसूस करता है. इसे सामान्य रूप से लिंग डिस्फोरिया के समान ही समझा जा सकता है, जिसमें व्यक्ति को अपने जन्म-जात लिंग से अलग एक अन्य लिंग की पहचान महसूस होती है. हालांकि, स्पीशीज डिस्फोरिया में व्यक्ति खुद को इंसान की बजाय किसी दूसरे प्रजाति, जैसे कि पशु, पक्षी, या किसी अन्य जीव के रूप में अनुभव करने लगता है.


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स्पीशीज डिस्फोरिया में कैसा लगने लगता है


स्पीशीज डिस्फोरिया से पीड़ित व्यक्ति अपने भीतर गहरे मानसिक और भावनात्मक असंतुलन को महसूस करते हैं, जो उनके व्यवहार, जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है. यह स्थिति व्यक्तियों को यह महसूस कराती है कि उनकी शारीरिक पहचान और उनकी आंतरिक भावनाएं आपस में मेल नहीं खाती हैं. यानी अगर कोई इंसान स्पीशीज डिस्फोरिया से पीड़ित है तो वह खुद को भेड़िया, बिल्ली, पक्षी या किसी और जानवर की तरह समझ सकता है. सबसे बड़ी बात कि उसके इस अनुभव से उसके विचार, सपने और इच्छाएं भी प्रभावित हो सकती हैं.


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