कुछ ही सेकंड में घर तक पहुंच जाती है बिजली! आखिर तारों में बहने वाले करंट की रफ्तार कितनी होती है?
Electricity: रोज हम बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन शायद आप यह नहीं जानते होंगे कि बिजली के तारों में बहने वाली इस विद्युत धारा की रफ्तार कितनी होती है. आइए जानते हैं...
Electricity Speed: हमारी डेली लाइफ बिजली के उपकरणों से घिरी हुई है घर हो या ऑफिस या कहीं और, हर जगह आपको बिजली पर आधारित कोई न कोई उपकरण जरूर मिल ही जायेगा. आजकल लगभग हर घर में बिजली की पहुंच है. आज के समय में बिजली ने हमारी जिंदगी में इस कदर जगह बना ली है कि ये न हो तो हमारे न जाने कितने जरूरी काम रुक जायेंगे. यह तो हम सभी जानते हैं कि बिजली को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए तारों की जरूरत रहती है, लेकिन क्या आप यह बात जानते हैं कि बिजली के इन तारों में करंट की स्पीड कितनी होती है?
घर तक पहुंचने के कितना समय लगता है?
बिजली एक जगह पर बनती है और फिर वहां से चलती हुई हमारे घरों में पहुंचती है. क्या आप जानते हैं जिस जगह पर बिजली बनाई जाती है वहां से इसे हमारे घरों तक पहुचने में कितना वक्त लगता है? अगर नही, तो हम आपको बताएंगे. दरअसल, बिजली को आपके घर तक पहुंचने में लगा समय भी सीधा सीधा इसकी स्पीड से ही जुड़ा है तो अगर इसकी रफ्तार पता चल जाए तो यह पता करना मुश्किल नहीं है कि जहां बिजली बनती है वहां से इसे आपके घर तक पहुंचने में कितना समय लगता है... तो आइए जानते हैं तारों में बहने वाली इस बिजली की रफ्तार होती कितनी है...
कितनी होती है बिजली के तारों में करंट की स्पीड?
बिजली के तारों में करंट की स्पीड लगभग प्रकाश की स्पीड के बराबर होती है. अब आप.सोच रहे होंगे की ऐसा कैसे? दरअसल, यह दोनों ही विद्युत चुंबकीय तरंगें (Electromagnetic waves) हैं. इनमे सिर्फ फ्रीक्वेंसी (Frequency) का फर्क होता है. इस आधार पर बिजली के तारों में करंट की रफ्तार लगभग 299,792,458 मीटर प्रति सेकेण्ड होती है.
आपने एक और बात पर गौर की होगी कि जब आसमान में बिजली चमकती है तो पहले हमे बिजली दिखती है और उसके बाद इसके कड़कने की ध्वनि या आवाज़ सुनाई देती है. इसका सीधा सा मतलब यह है कि प्रकाश की स्पीड, ध्वनि की स्पीड से ज्यादा होती है.
सूरज और पृथ्वी के बीच की दूरी करीब 14,92,00,000 किलोमीटर यानि की 9,29,60,000 मील है. सूरज के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में 8 मिनट 16.6 सेकंड का वक्त लगता है. इसीलिए जब सूर्य उदय होता है तो हम उसे आंखों से आसानी से देख पाते हैं, लेकिन जब इसका प्रकाश हमारे पास तक पहुंच जाता है तब हम सूरज की तरफ देख नहीं पाते हैं.
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