देश में राष्ट्रपति के बाद अगर कोई सबसे बड़ा पद है तो वो पीएम का पद है. इसीलिए इस पद पर बैठे व्यक्ति की सुरक्षा सर्वोपरि होती है. फिलहाल भारत के पीएम की सुरक्षा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के हाथो में होती है. इस सुरक्षा समूह का गठन साल 1988 में हुआ था.


एसपीजी पीएम के साथ-साथ उनके परिवार वालों की भी सुरक्षा करती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप में आर्मी के जवान नहीं जा सकते हैं. चलिए आपको आज इस आर्टिकल में इसी से जुड़ी जानकारी विस्तार में देते हैं.


कैसे बनते हैं एसपीजी कमांडो


एसपीजी (Special Protection Group) कमांडो बनने की प्रक्रिया बहुत कठिन होती है. एसपीजी कमांडो बनने के लिए आपका CRPF, CISF, BSF, ITBP से होना आनिवार्य है. दरअसल, एसपीजी डायरेक्ट भर्ती नहीं करती. इसमें भर्ती होने के लिए आपका केंद्रीय पुलिस बल या फिर अर्धसैनिक बल से होना जरूरी है.


इसके अलावा इस ग्रुप में उन्हीं जवानों की भर्ती होती है, जिनकी उम्र 35 साल से कम होती है. इस फोर्स में भर्जी होने के लिए जवानों को कठिन शारीरिक और मानसिक परीक्षा से गुजरना होता है. जो लोग इस परीक्षा में सफल होते हैं उन्हें टॉप क्लास की ट्रेनिंग दी जाती है. इस ट्रेनिंग में आतंकवाद विरोधी गतिविधियों, बम निष्क्रिय करने की तकनीक, स्नाइपर ट्रेनिंग, ड्राइविंग स्किल्स और वीआईपी सुरक्षा के अलग-अलग पहलुओं पर जोर दिया जाता है.


आर्मी के जवान SPG में क्यों शामिल नहीं होते


हमने इसकी जानकारी हासिल करने के लिए इंटरनेट खंगाला लेकिन कोई सटीक जवाब नहीं मिला. हर जगह सिर्फ यही लिखा मिला कि भारतीय सेना के जवान एसपीजी कमांडो नहीं बन सकते हैं. हालांकि, क्यों नहीं बन सकते इसका जवाब कहीं भी साफ-साफ शब्दों में नहीं मिला. खैर, हमने जब कई पहलुओं पर गौर किया तो हमें एक टेक्निकल चीज मिली, जो शायद इसके पीछे का कारण हो सकती है.


दरअसल, CRPF, CISF, BSF और ITBP जहां से एसपीजी कमांडो को चुना जाता है वह सभी गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) को रिपोर्ट करते हैं. यहां तक कि खुद एसपीजी भी गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती है. जबकि, भारतीय सेना के तीनों विभाग (आर्मी, नेवी और एयर फोर्स) रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) को रिपोर्ट करती है.


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