भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के कमांडोज दुनिया के सबसे बेहतरीन प्रशिक्षित और लैस सुरक्षा कमांडोज में से एक हैं. इन कमांडोज को किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए बहुत ही आधुनिक हथियार और उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं. चलिए आज हम जानते हैं कि इन कमांडोज के पास कौन से खास हथियार होते हैं जिससे वो पलक झपकते ही किसी भी खतरे को खत्म कर देते हैं.
यह भी पढ़ें: रूस जैसे किन देशों में कम बच्चे पैदा कर रहे हैं लोग, संबंध बनाने के लिए सरकार भी कर रही अपील
क्या है SPG कमांडोज के हथियारों का खजाना
SPG कमांडोज को कई तरह के हथियार उपलब्ध कराए जाते हैं, जिनमें खास तरह के हथियार शामिल हैं.
हैंडगन: SPG कमांडोज आमतौर पर ग्लॉक, बेरेटा, और सिग सॉयर जैसी कंपनियों के हाई-परफॉर्मेंस हैंडगन का इस्तेमाल करते हैं. ये हथियार बेहद सटीक और हल्के होते हैं, जिससे कमांडोज आसानी से इनका इस्तेमाल कर सकते हैं.
असॉल्ट राइफल्स: SPG कमांडोज AK-47, INSAS, और एम-16 जैसी असॉल्ट राइफल्स का इस्तेमाल करते हैं. ये राइफल्स लंबी दूरी तक निशाना लगाने के लिए बेहद कारगर होती हैं.
सबमशीन गन: SPG कमांडोज close-quarter combat के लिए सबमशीन गन का इस्तेमाल करते हैं. ये हथियार छोटे और हल्के होते हैं, जिससे इन्हें आसानी से छिपाया जा सकता है.
स्नाइपर राइफल्स: लंबी दूरी से निशाना लगाने के लिए SPG कमांडोज स्नाइपर राइफल्स का इस्तेमाल करते हैं. ये राइफल्स बेहद सटीक होती हैं और दुश्मन को दूर से ही खत्म कर सकती हैं.
नॉन-लेथल वेपन्स: इसके अलावा, SPG कमांडोज के पास नॉन-लेथल वेपन्स भी होते हैं, जैसे कि पेपर स्प्रे, टेसर, और हैंडकफ. इनका इस्तेमाल उन स्थितियों में किया जाता है जहां किसी को मारना जरूरी नहीं होता है.
क्या है SPG कमांडोज की जिम्मेदारी
SPG कमांडोज की जिम्मेदारी भारत के प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा करना है. वे प्रधानमंत्री के साथ हर समय रहते हैं और उन्हें किसी भी तरह के खतरे से बचाने के लिए तैयार रहते हैं.
SPG कमांडोज को कैसे दिया जाता है प्रशिक्षण?
SPG कमांडोज को दुनिया के सबसे कठिन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में से एक से गुजरना पड़ता है. इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद मजबूत बनाया जाता है. उन्हें कई प्रकार के हथियारों का इस्तेमाल करना सिखाया जाता है और उन्हें अलग-अलग तरह की परिस्थितियों में काम करने के लिए तैयार किया जाता है.
यह भी पढ़ें: रूस जैसे किन देशों में कम बच्चे पैदा कर रहे हैं लोग, संबंध बनाने के लिए सरकार भी कर रही अपील