हमास से युद्ध के चलते इन दिनों इजरायल चर्चा में है. लोग इस छोटे से देश के बारे में और यहां के नागरिकों यानी यहूदियों के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं. हालांकि, हम आपको आज इस देश के बारे में और यहां के नागरिकों के बारे में नहीं, बल्कि इसके एक शहर यरुशलम में मौजूद एक सीढ़ी के बारे में बताएंगे. इसे लेकर कहा जाता है कि 273 साल से इस सीढ़ी को एक इंच भी नहीं हिलाया जा सका है. सबसे बड़ी बात कि इस लकड़ी की सीढ़ी को लेकर कोई धार्मिक मान्यताएं भी नहीं हैं. चलिए इसके बारे में सब जानते हैं.


एक शहर का विवाद


जब भी दुनिया की किसी विवादित जगह की बात आएगी तो सबसे पहला नाम उसमें यरुशलम का होगा. दरअसल, यरुशलम दुनिया की सबसे विवादित जगहों में से एक है. एक तरफ इजरायल इसे अपनी राजधानी बताता है तो दूसरी ओर फिलिस्तीन इसे अपना बताता है. इसी शहर को लेकर इन दोनों देशों के बीच दशकों से जंग हो रही है. अब सवाल उठता है कि आखिर इस जगह का इतना महत्व क्यों है. दरअसल, इसी जगह से दुनिया के तीन बड़े धर्मों ईसाई, इस्लाम और यहूदी की शुरुआत हुई.


एक चर्च का विवाद


इसी शहर में ईसाइयों का एक चर्च है, 'चर्च ऑफ द होली सेपल्कर'. ईसाई मानते हैं कि ईसा मसीह को यहीं सूली पर चढ़ाया गया था और बाद में उन्होंने यहीं अवतार लिया था. हालांकि, इस चर्च को लेकर ईसाई धर्मों के अलग अलग संप्रदायों के बीच कुछ मुद्दों पर विवाद चल रहा है, जिसकी वजह से इस चर्च को लेकर कोई छेड़-छाड़ नहीं होती. आज ईसाई धर्म के 6 संप्रदाय मिल कर इसका प्रबंधन करते हैं. यहीं मौजूद है वो अनोखी सीढ़ी. जिसकी कहानी हम आपको बता रहे हैं.


एक सीढ़ी और 273 सालों का विवाद


हम जिस विवादित सीढ़ी की बात कर रहे हैं वो द होली सेपल्कर चर्च के एक हिस्से में पड़ी हुई है. ये सीढ़ी यहां 1750 से पड़ी हुई है. सोचिए कि इस चर्च को लेकर कितना बड़ा विवाद है कि इस सीढ़ी को आज तक किसी ने एक इंच भी सरकाने की हिम्मत नहीं जुटाई. आज भी चर्च की जितनी चाहे उतनी मरम्मत हो जाए या लेकिन यहां की चीजों को कोई भी उसकी वास्तविग से नहीं हटाता.


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