Stomach Acid: पेट एक बहुत ही संवेदनशील अंग होता है. पेट का सही रहना बहुत जरूरी है. कई बार खाना ढंग से न पचे तो एसिडिटी समेत कई दूसरी समस्याएं भी होने लगती हैं. आपने कभी न कभी तो ये सोचा ही होगा कि पेट में खाना आखिर पचता कैसे है? दरअसल, पेट में एक ऐसा तरल पदार्थ मौजूद होता है, जो कठोर से कठोर चीजों को भी पचा सकता है. यह खाने सहित अन्य कई कठोर चीजों को भी पचा सकता है. क्या आप जानते हैं कि यह एसिड इतना खतरनाक होता है कि रेजर ब्लेड तक को भी पचा सकता है? अब सवाल यह उठता है कि अगर ये एसिड इतना ही खतरनाक है तो पेट अंदर से कैसे सुरक्षित रहता है? उसे कुछ नुकसान क्यों नहीं होता? आइए जानते हैं इसके पीछे क्या अभिक्रिया है...


पेट करता है पोषक तत्वों की छटनी 
हमारे पेट में काफी जटिल प्रक्रियाएं होती हैं. इन्हीं प्रक्रियाओं की बदौलत आप जो कुछ भी खाते हैं उससे अलग-अलग चीजें निकाल ली जाती हैं. उदाहरण के लिए आप पेट को एक ऐसी मशीन मान सकते हैं जो खाने से अलग-अलग चीजों को छांट लेती है. मान लीजिए आपने दाल, चावल, रोटी और सब्जी खाई. अब पेट इस खाने को प्रोसेस करेगा. पेट इस खाने से प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, पानी और बाकी सभी जरूरी चीजें अलग कर लेगा.


पेट के अंदर मौजूद है खतरनाक एसिड! 
खाने को पचाने के लिए हमारे पेट में गैस्ट्रिक जूस होता है. इसमें हाईड्रोक्लोरिक एसिड मौजूद होता है. इस हाईड्रोक्लोरिक एसिड का pH मान लगभग 2 होता है. pH मान 0 से 14 के बीच होता है, यह जितना कम वह उतना ही ताकतवर एसिड होता है, यानी 2 pH का हाइड्रोक्लोरिक एसिड इतना खतरनाक है कि यह किसी भी चीज को गला देने की क्षमता रखता है.


ब्लेड तक को पचा सकता है!
कई रिसर्च में यह पाया गया कि ब्लेड के टुकड़े 15 घंटों में गल जाते हैं. एक प्रयोग में जब 24 घंटे बाद ब्लेड का वजन मापा गया तो वह पहले की तुलना में 63 प्रतिशत ही रह गया था. इसका सीधा अर्थ यह है कि पेट के अंदर का एसिड इस तरह की कठोर चीजों को भी गला देने में सक्षम है. हालांकि, गैस्ट्रिक जूस में केवल हाइड्रोक्लोरिक एसिड ही नहीं होता है, इसमें और भी कई तरह के केमिकल होते हैं. इसी कारण यह ज्यादा प्रभावी एसिड के तौर पर काम नहीं कर पाता.


पेट को क्यों नहीं जलता? 
इसका पहला कारण यह है कि पेट के अंदर मौजूद गैस्ट्रिक जूस का pH मान HCL एसिड के pH मान से थोड़ा ज्यादा होता है. इसका दूसरा कारण यह है कि पेट के अंदर का हिस्सा म्यूकोसल प्रोटीन से बना होता है. जिसमें शुगर की काफी मजबूत परत होती है. दरअसल, शुगर एसिड के प्रभाव को कम कर देती है. इसके अलावा भी कई सेल ऐसी होती हैं जो लगातार म्यूकस बनाती रहती हैं. इन्ही सब कारणों की वजह से पेट सुरक्षित रहता है और गैस्ट्रिक जूस पेट को जला नहीं पाता है. हालांकि, इस संतुलन में गड़बड़ होने पर पेट में जलन और अल्सर जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं.


3 से 4 लीटर बनता है डेली
पेट के अंदर की प्रोटीन की दीवार, म्युकस का कवर , शुगर और बायोकार्बोनेट मिलकर एक मजबूर सुरक्षा कवर बना लेते हैं. इससे पेट के अंदर का गैस्ट्रिक जूस और हाइड्रोक्लोरिक एसिड भरपूर हानिकारक होने के बाद भी पेट को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं. आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि हर दिन हमारे पेट में 3 से 4 लीटर गैस्ट्रिक जूस बनाता है और खाने को पचाने में भी यही गैस्ट्रिक जूस काम आता है.


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