भारत में बाल विवाह को लेकर सख्त कानून है. भारत में कई संगठन भी बाल विवाह को रोकने के लिए काम कर रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमेरिका जैसा विकसित देश अपने यहां बाल विवाह की समस्या से परेशान है. जी हां, अमेरिका के कई राज्यों में 10 साल के छोटे बच्चों का बाल विवाह कराया जाता है. जानिए आखिर इसके पीछे की वजह क्या है.
भारत में बाल विवाह
बता दें कि भारत में बाल विवाह पर रोक है. भारतीय कानून के निषेध अधिनियम, 2006 के मुताबिक शादी के लिए एक लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की उम्र 21 साल होनी चाहिए. अगर इससे कम उम्र में लड़के और लड़की की शादी कराई जाती है, तो इसके लिए क़ानून में सज़ा का प्रावधान किया गया है. बाल विवाह को रोकने के लिए भारत में आजादी से पहले से ही कानून है.
अमेरिका
दुनिया का सबसे विकसित देशों में से एक अमेरिका बाल विवाह की परेशानी से जूझ रहा है. वहां पर अनचेन्ड एट लास्ट एनजीओ बाल विवाह को रोकने के लिए काम करता है. उनकी रिसर्च के मुताबिक 2000 से 2018 तक USA में 3 लाख से ज्यादा बच्चों की शादी 18 साल से कम आयु में हुई है. एनजीओ के मुताबिक 2017 तक सभी 50 अमेरिकी राज्यों में बाल विवाह कानूनी वैध था. लेकिन धीरे-धीरे स्थिति बदल रही है. 2018 में डेलावेयर और न्यू जर्सी पहले ऐसे राज्य बने थे, जिन्होंने बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए बाल विवाह को गैर-कानूनी बनाया था.
कई अमेरिकी राज्यों में वैध बाल विवाह
बाल विवाह एक मानवाधिकार उल्लंघन है, जो लड़कियों से उनकी मर्जी को छीन लेता है. यूनीआईसीईएफ के मुताबिक दुनियाभर में लड़कों के बीच बाल विवाह का प्रचलन लड़कियों की तुलना में केवल छठा हिस्सा है. आज भी अमेरिका के 50 राज्यों में से 37 राज्यों में बाल विवाह वैध है.
वहीं 2018 में अमेरिकन समोआ 2020 में यूएस वर्जिन आइलैंड्स, पेंसिल्वेनिया और मिनेसोटा, 2021 में रोड आइलैंड और न्यूयॉर्क, 2022 में मैसाचुसेट्स, 2023 में वर्मोंट, कनेक्टिकट और मिशिगन, और 2024 में वाशिंगटन, वर्जीनिया और न्यू हैम्पशायर में इस बाल विवाह की कुप्रथा पर रोक लगाई है.
अमेरिका में बाल विवाह क्यों गैर कानूनी नहीं?
अमेरिका में बाल विवाह की व्यापक घटनाओं के बावजूद कानूनी रूप से अमेरिका में कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है. बाल विवाह के पनपे की एक वजह यह है कि शादी के लिए न्यूनतम आयु अलग-अलग राज्यों की ओर से तय की गई है. अमेरिका के कई राज्यों में यह 18 साल है, तो दर्जनों राज्यों में कोई न्यूनतम आयु नहीं है. इन राज्यों में माता-पिता की सहमति या न्यायिक अनुमोदन मिलने पर कम उम्र में शादी कराई जा सकती है. इतना ही नहीं बच्चों को आमतौर पर कानूनी कार्यवाही शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाती है. सिर्फ उनके गार्जियन या अन्य प्रतिनिधि के जरिए ही वो कोई कानूनी फैसला ले सकते हैं, जिसमें तलाक जैसे नियम शामिल हैं.
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