एजुकेशन के लिए मशहूर राजस्थान के कोटा से एक के बाद एक सुसाइड के केस सामने आ रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में 23 बच्चों ने सुसाइड कर लिया है. ऐसे भी भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग अलग-अलग कारणों की वजह से आत्महत्या कर लेते हैं. कई लोग फांसी तो कुछ लोग जहर या फिर आत्मदाह के जरिए अपनी जिंदगी को खत्म कर लेते हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो ने भी सुसाइड को लेकर कई डेटा शेयर किए हैं, जिसमें बताया है कि किस वजह से लोग आत्महत्या कर रहे हैं और आत्महत्या के लिए किन तरीकों का इस्तेमाल किया गया है. तो जानते हैं एनसीआरबी की डेटा के अनुसार, भारत में किन तरीकों से लोग आत्महत्या को अंजाम देते हैं. 


कैसे खुद को खत्म कर लेते हैं लोग?


एनसीआरबी के डेटा के अनुसार, आत्महत्मा करने में ज्यादातर लोग फांसी का रास्ता चुनते हैं. इसके अलावा जहर, डूबना, आत्मदाह, ट्रेन के आगे कूदकर भी कई लोग अपनी जान दे देते हैं. साल 2020 की बात करें तो एनसीआरबी के अनुसार, सबसे ज्यादा लोगों ने फांसी के जरिए आत्महत्या की थी. डेटा बताता है कि 57 फीसदी आत्महत्या फांसी, 25.1 फीसदी जहर, 5.1 डूबने और 2.6 आत्मदाह की वजह से हुई थी. वहीं, साल 2021 में भी अलग-अलग तरीकों से आत्महत्या की थी, जिसकी जानकारी नीचे दी गई है...


फांसी- 57.8% से 57.0%
जहर खाने से- 25.0%
नींद की गोलियां लेने से- 0.6% से 0.4% 
डूबने से- 5.2% से 5.1% 
आत्मदाह- 3.0% से 2.6% 
कूदने से- 1.2% से 1.1% 
खुद से लगाई हुई चोट- 0.3%
चलती गाड़ी के नीचे आकर- 1.7%
बिजली का तार छूने से- 0.4% 


किन कारणों से करते हैं ज्यादा आत्महत्या?


साल 2021 के एनसीआरबी डेटा के हिसाब से 9.2 फीसदी लोगों ने अज्ञात कारणों से, 0.2 फीसदी लोगों ने नपुंसकता, 0.5 फीसदी ने सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी, 1.0 फीसदी ने परीक्षा में असफल, 1.1 फीसदी ने संपत्ति विवाद में, 1.1 फीसदी ने गरीबी, 1.2 फीसदी ने खास व्यक्ति की मौत, 1.6 फीसदी ने करियर की दिक्कत, 2.2 फीसदी ने बेरोजगारी, 3.9 फीसदी ने दिवालियापन, 4.6 फीसदी ने प्रेस प्रसंग में, 4.8 फीसदी ने शादी से जुड़े मुद्दे, 6.4 फीसदी ने शराब की लत की वजह से अपनी जान जी है. 


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