शहरों में आज-कल हर घर में बाजार से आटा खरीद कर आता है. कई लोग पैकेट वाला आटा मंगाते हैं तो कई लोग चक्की से खरीद कर लाते हैं. जबकि, गांवों में ज्यादातर लोग गेहूं खुद चक्की पर ले जाकर आटा पिसवाते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आपकी एक गलती आपको मौत के मुंह तक पहुंचा सकती है.


रोटी बनाते समय खास ख्याल रखें


आप चाहे गांव में रहते हों या शहर में, रोटी बनाते वक्त आपको इस बात का खास ख्याल रखना है कि जिस आटे से आप रोटी बना रही हैं, उसमें कहीं जहर तो नहीं मिला है. दरअसल, किसान गेहूं को घुन से बचाने के लिए उसमें सल्फास डाल देते हैं. ये इतना जहरीला होता है कि अगर ये आपके शरीर में भारी मात्रा में चला जाए तो आपकी मौत भी हो सकती है.


अब आप सोच रहे होंगे कि आटे में सल्फास मिला है, इसका पता कैसे लगाएं. इसके दो तरीके हैं. पहला तो ये कि आप खुला आटा लेने से बचें. कोशिश करें कि बाजार से ब्रांडेड आटे का बंद पैकेट ही घर लाएं. बड़ी कंपनियों में आटा पैकेट में भरने से पहले कई बार चेक होता है, उसके बाद ही उसे पैकेटों में भर कर ग्राहकों तक पहुंचाया जाता है.


वहीं दूसरा तरीका है आटे का स्मेल. अगर आप खुला आटा ले रहे हैं तो रोटी बनाने से पहले आटे को सूंघ लें. सल्फास की महक बहुत तेज होती है, अगर वो आटे में गलती से मिल गया होगा तो उसकी महक से आपको तुरंत पता चल जाएगा.


कई मामले सामने आ चुके हैं


अभी बीते महीने ही यूपी के बदायूं का एक केस सामने आया था. दरअसल, एक किसान परिवार ने गेहूं को घुन से बचाने के लिए उसमें सल्फास की पुड़िया डाल दी. उसी परिवार के एक बच्ची ने सल्फास की पुड़िया को चूरन की पुड़िया समझ ली और उसे चाट गई. उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा. गावों में ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जिसमें गेहूं में सल्फास की पुड़िया छूट जाती है और वो चक्की तक पहुंच जाता है. हालांकि, चक्की वाले की समझदारी के कारण कई बार पुड़िया बाहर निकाल दी जाती है.


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