एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 5 जून 2024 से ही फंसी हुई हैं. उनकी वापसी की एक कोशिश नाकाम होने के बाद अब नासा फरवरी 2025 में उनकी वापसी के लिए फिर से कोशिश करेगा. तब तक के लिए उन्हें इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में ही रहना होगा. 


हालांकि, अब खबर आ रही है कि अंतरिक्ष में रहते हुए ही उन्हें एक नई जिम्मेदारी सौंप दी गई है. कहा जा रहा है कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन का हेड बना दिया गया है. चलिए अब इसी कड़ी में जानते हैं कि आखिर ISS में सुनीता विलियम्स गर्म खाना खाती हैं या ठंडा और गर्म खाती हैं तो फिर खाना गर्म कैसे होता है, क्योंकि स्पेस में तो आग जलती है नहीं. 


पहले समझिए स्पेस में आग क्यों नहीं जलती


दरअसल, स्पेस में आग इसलिए नहीं जलती क्योंकि वहां ऑक्सीजन ना के बराबर होती है या होती ही नहीं है. आसान भाषा में कहें तो आग जलने के लिए तीन चीज़ों की जरूरत होती है- ऑक्सीजन, ईंधन और गर्मी. स्पेस में कोई वायुमंडल नहीं होता है इसकी वजह से वहां ऑक्सीजन का अभाव रहता है, जिससे आग लगने की प्रक्रिया संभव नहीं हो पाती. चलिए अब जानते हैं कि फिर एस्ट्रोनॉट खाना गर्म कर के कैसे खाते हैं.


ये भी पढ़ें: क्या पटरी पर रखे गैस सिलेंडर का भी पता लगा सकता है नया कवच सिस्टम? ये रहा जवाब


एस्ट्रोनॉट खाना गर्म कैसे करते हैं


स्पेस स्टेशन में एस्ट्रोनॉट खाने को गर्म करने के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग करते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि वहां पर पारंपरिक ओवन या माइक्रोवेव जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होतीं. अब सवाल उठता है कि फिर वहां खाना गर्म कैसे किया जाता है. दरअसल, स्पेस स्टेशन में जो खाना भेजा जाता है उस खाने को पैकेजिंग स्पेशल होती है.


इसे थर्मल पैकेजिंग कहते हैं, जो खाने के तापमान को बनाए रखने में लंबे समय तक मदद करते हैं. इस पैकेजिंग में खाना डिहाइड्रेटेड रहता है, जिसे पानी मिलाकर तैयार किया जाता है. इसके अलावा स्पेस शिप में एक विशेष प्रकार का उपकरण होता है, जिसे "फूड वार्मर" कहा जाता है. इसकी मदद से एस्ट्रोनॉट खाने को गर्म करते हैं. यह मशीन ना केवल खाने गर्म करती है, बल्कि इसे सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से खाने के लिए भी तैयार करती है.


ये भी पढ़ें: मौत के बाद शव को मोती में बदल देते हैं ये लोग, घर में शो पीस के तौर पर रखी जाती है राख