अंतरिक्ष से लौटकर क्या सुनीता विलियम्स को भी दिखेंगी 'परियां'? स्पेस से लौटे एस्ट्रोनॉट्स के साथ क्यों होता है ऐसा
बड़ा सवाल है कि अंतरिक्ष से लौटने के बाद सुनीता विलियम्स शारीरिक तौर पर कितने दिन में फिट हो पाएंगी. क्योंकि अंतरिक्ष से वापस लौटे अंतरिक्ष यात्रियों में शारीरिक और मानसिक तौर पर कई बदलाव होते हैं.
अंतरिक्ष हमारे ब्रह्मांड का ऐसा हिस्सा है, जो रहस्यों से भरा हुआ है. कुछ गुत्थियां तो इंसानों ने सुलझा ली हैं, लेकिन ज्यादातर रहस्य पहेली ही बने हुए हैं. इन्हीं गुत्थियों को सुलझाने के लिए वैज्ञानिक लगातार इंसानों को अंतरिक्ष में भेज रहे हैं. भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स भी इनमें से एक हैं, जो करीब 5 महीनों से अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं. सुनीता विलियम्स को वापस लाने के लिए नासा(NASA) लगातार प्रयास कर रहा है. संभव है कि वे फरवरी-मार्च तक वापस लौट आएंगी.
ये बड़ा सवाल है कि अंतरिक्ष से लौटने के बाद सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर शारीरिक तौर पर कितने दिन में फिट हो पाएंगे. क्योंकि अंतरिक्ष से वापस लौटे अंतरिक्ष यात्रियों में शारीरिक और मानसिक तौर पर कई बदलाव होते हैं. उन्हें महीनों तक डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाता है.
क्या सुनीता विलियम्स को भी दिखेंगी परियां
साल 2022 की शुरुआत में फ्रंटिअर न्यूरल सर्किट में एक स्टडी छपी थी. इसका टॉपिक था 'ब्रेन्स इन स्पेस-इफेक्ट ऑफ स्पेसलाइट ऑन ह्यूमन ब्रेन'. यह अध्ययन ऐसे 12 अंतरिक्ष यात्रियों पर किया गया था, जो स्पेस में 6 महीने से जयादा समय बिताकर लौटे थे. इस स्टडी में इस बात पर रिसर्च हुई थी कि अंतरिक्ष से लौटे एस्ट्रोनॉट्स के मस्तिष्क पर क्या असर होता है. इसमें कहा गया था कि स्पेस में रेडिएशन से बचने के लिए ब्रेन अलग तरह से काम करने लगता है. स्टडी में कहा गया था कि ज्यादा लंबा समय बिताकर लौटे अंतरिक्ष यात्रियों को बोलने, चलने यहां तक कि लोगों से मिलने-जुलने में भी समस्या आती है. उनकी आंखे भी कमजोर हो जाती हैं. अंतरिक्ष यात्रा से लौटे एक अमेरिकी एस्ट्रोनॉट डोनॉल्ड पेटिट ने बताया था कि उन्हें आंखें बंद करते ही परियां और एलियंस दिखाई देते है. ऐसी शिकायत कई अंतरिक्ष यात्रियों ने की थी.
क्या-क्या आती हैं दिक्कतें
जब कोई एस्ट्रोनॉट स्पेस में होता है तो वहां ग्रैविटी खत्म हो जाती है, जिससे शरीर का सारा भार भी खत्म हो जाता है. शरीर पर कंट्रोल बनाने के लिए उनका ब्रेन अलग तरीके काम करता है. स्पेस एजेंसी नासा का कहना है कि ग्रैविटी से दूर होने पर इंसान की हड्डियों का वजन काफी तेजी से घरने लगता है. यहां तक कि अंतरिक्ष यात्री स्पेस एनीमिया के भी शिकार हो जाते हैं. एक स्टडी में कहा गया था कि अंतिरक्ष से लौटे 14 अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर की लगभग 54 प्रतिशत रेड ब्लड सेल्स खत्म हो गई थीं.
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