Supreme Court Judge Process: 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के दो दिन बाद 28 जनवरी 1950 को सुप्रीम कोर्ट का गठन हुआ. इससे पहले (1 अक्टूबर 1937 से 28 जनवरी 1950 तक) इसे फेडरल कोर्ट ऑफ इंडिया पुकारा जाता था. संविधान के अनुच्छेद 141 के अनुसार, 'सुप्रीम कोर्ट से घोषित कानून भारत की सीमा के भीतर सभी न्यायालयों पर बाध्यकारी होगा'. सुप्रीम कोर्ट में फैसला जज सुनाते हैं. क्या आप जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति कैसे होती है? आज की इस रिपोर्ट में हम आपको प्रोमोशन से लेकर योग्यता तक सबकुछ विस्तार से समझाने जा रहे हैं. 


क्या कहता है संविधान?


संविधान में अनुच्छेद 124 (2) में सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति के बारे में बताया गया है. इसके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के परामर्श पर करते हैं. कॉलेजियम में भारत के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जज शामिल होते हैं. यही कॉलेजियम सुप्रीम कोर्ट के साथ राज्यों के हाईकोर्ट के न्यायधीशों की नियुक्ति भी करता है.


कोलेजियम की सिफारिश होने के बाद राष्ट्रपति इनकी नियुक्ति करते हैं. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों से परामर्श लेकर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति खुद राष्ट्रपति करते हैं. इसके बारे में संविधान में अनुच्छेद 124 (2) में बताया गया है. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) का परामर्श इस नियुक्ति में अहम माना जाता है.


कॉलेजियम कैसे काम करता है


सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का नेतृत्त्व CJI करते हैं. इसके अलावा, इसमें न्यायालय के चार अन्य सीनियर जज भी शामिल होते हैं. कॉलेजियम की सिफारिश मानना सरकार के लिए जरूरी होता है. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में न्यायधीशों के ट्रांसफर का फैसला भी कॉलेजियम ही करता है.


इसके अलावा, उच्च न्यायालय के कौन से जज पदोन्‍नत होकर सुप्रीम कोर्ट भेजे जाएंगे, यह फैसला भी कॉलेजियम का ही होता है. बता दें, सरकार किसी एक या अधिक नामों पर पुनर्विचार करने के लिए कॉलेजियम के पास वापस भेज सकती है, लेकिन अगर कॉलेजियम दोबारा नाम भेज देती है तो सरकार को इस सिफारिश को मानना ही पड़ता है.



  • हाई कोर्ट का जज बनने की योग्यता

  • भारत के नागरिक हो.

  • हाई कोर्ट में जज के बनने के लिए लॉ की बैचलर डिग्री होनी जरूरी है.

  • इसके साथ 10 साल तक वकालत (Law) का अनुभव होना जरूरी है.

  • सुप्रीम कोर्ट का जज बनने की योग्यता

  • भारत का नागरिक हो.

  • कम से कम किसी हाई कोर्ट में पांच साल तक जज रह चुके हो.

  • कम से कम 10 साल तक हाई कोर्ट में वकालत का अनुभव हो या राष्ट्रपति के विचार में जाने माने कानूनविद हो.   


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