भारत में सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को लेकर सख्त कानून लाया है. चाइल्ड पॉर्नोग्राफी कानून के बाद अगर आप भी अपने फोन में या किसी लिंक के माध्यम से ऐसी-वैसी चीजें देखते हैं, तो अब बिलकुल सावधान हो जाइए. आपकी या आपको दोस्तों की ये हरकत आपको जेल भेज सकती है. जी हां, सुप्रीम कोर्ट चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को लेकर सख्ती बरत रहा है. आज हम आपको बताएंगे कि किन देशों में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी पर सख्त कानून है और किन देशों में इस पर कानून नहीं है. 


सुप्रीम कोर्ट


सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया फैसले में चाइल्‍ड पॉर्नोग्राफी के लिए बेहद सख्‍त कानून बनाया है. अगर आपका कोई जानने वाला भी चाइल्‍ड पॉर्नोग्राफी से जुड़ा कोई वीडियो या लिंक भेजता है, तो भी आपको सावधान हो जाना चाहिए. आपके दोस्‍त की यह हरकत जेल की हवा खिला सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि किसी भी तरह की चाइल्‍ड पॉर्नोग्राफी को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा और इसके आरोपी को 3 से 7 साल तक की जेल हो सकती है.


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सुप्रीम कोर्ट का फैसला


सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि चाइल्‍ड पॉर्नोग्राफी देखना पॉक्‍सो एक्‍ट के तहत आपराधिक कृत्‍य की श्रेणी में आता है. अगर कोई व्‍यक्ति चाहे ऑनलाइन इसे देख रहा है या फिर वीडियो को मोबाइल में सेव करके देखता है और इससे जुड़े किसी लिंक पर क्लिक करके ओपन करता है, इन सभी परिस्थितियों में यह अपराध ही माना जाएगा. वहीं कोई व्‍यक्ति चाहे चाइल्‍ड पॉर्नोग्राफी देखता है, डिस्‍ट्रीब्‍यूट करता है या डिस्‍प्‍ले करता है, उसे पॉक्‍सो एक्‍ट के तहत अपराधी ही माना जाएगा.


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 इन देशों में कानून


भारत समेत अधिकांश देशों में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को लेकर कानून है. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े अपराधों में सजा देने के लिए कई कानून हैं. पहला प्रिवेंशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक क्राइम्स एक्ट (PECA), 2016 है. इस कानून का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल अपराधों को रोकना है, जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराध भी शामिल हैं. इस धारा 22 के तहत, चाइल्ड पोर्नोग्राफी एक दंडनीय अपराध है और  चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े अपराध में दोषी पाए जाने पर 7 साल तक की कैद हो सकती है. साथ ही, दोषी पर 50 लाख पाकिस्तानी रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.


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इस देश में लीगल 


जानकारी के मुताबिक रूस में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी देखना और फोन में रखना लीगल है. हालांकि दुनियाभर के अधिकांश देशों में सरकार ने इस पर बैन लगाकर रखा हुआ है और चाइल्ड पॉर्नोग्राफी पर सख्त कानून भी हैं. 


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