चुनाव नतीजे आने के कितने दिन बाद डिलीट किया जाता है EVM का डेटा? जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम का डेटा डिलीट नहीं करने का आदेश दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ईवीएम में कितने दिनों तक डेटा को सुरक्षित रखा जा सकता है? आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.

देश में चुनाव के बाद ईवीएम को लेकर चर्चा होना आम बात है. एक बार फिर से दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद ईवीएम चर्चा में है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से डेटा डिलीट नहीं करने का आदेश दिया है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि आखिर ईवीएम से कितने दिनों के बाद डेटा डिलीट होता है, आज हम आपको इससे जुड़ी जानकारी देंगे.
ईवीएम को लेकर क्या है मामला?
सबसे पहले ये जानते हैं कि ईवीएम को लेकर नया मामला क्या है. बता दें कि ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है. वेरिफिकेशन से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट न चुनाव आयोग से जवाब दाखिल करने को कहा है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की इस याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को ईवीएम की बर्न्ट मेमोरी की जांच के लिए स्पष्ट प्रोटोकॉल बनाने के लिए कहे.
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने मार्च के पहले सप्ताह में सुनवाई की बात कही है. वहीं कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि जिन जगहों पर हाल ही में चुनाव हुए हैं, उनके ईवीएम का डेटा चुनाव आयोग फिलहाल न मिटाए, न ही उसमें नया डेटा लोड करे.
सुप्रीम कोर्ट ने पहले कही थी ये बात
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च 2024 को अपने फैसले में कहा था कि परिणाम आने के 1 सप्ताह के भीतर दूसरे या तीसरे नंबर का उम्मीदवार दोबारा जांच की मांग कर सकता है. ऐसे में इंजीनियरों की टीम किसी 5 माइक्रो कंटोलर की बर्न्ट मेमोरी की जांच करेगी. इस जांच का खर्च उम्मीदवार को उठाना होगा, वहीं अगर गड़बड़ी साबित हुई तो उम्मीदवार को पैसा वापस मिल जाएगा.
ईवीएम में कितने दिनों तक रहता है डाटा?
सबसे पहले ईवीएम को समझते हैं. बता दें कि ईवीएम में दो यूनिट होती है. पहली कंट्रोल यूनिट और दूसरी बैलेट यूनिट होती है. जिनका कंट्रोल यूनिट पॉलिंग ऑफिसर के पास रहता है. वहीं बैलेट यूनिट वो मशीन होती है जिसमें वोटर बटन दबाकर अपना वोट देता है. बता दें ये दोनों यूनिट आपस में जुड़ी हुई होती हैं. अब सवाल है कि मतदान के बाद कितने दिनों तक ईवीएम का डाटा सुरक्षित रहता है. बता दें कि चुनाव आयोग के मुताबिक ईवीएम में 100 सालों तक भी वोट रखा जा सकता है. जब तक इस मशीन से डेटा डिलीट नहीं किया जाता वो तब तक उसमें सेव रहता है.
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