नरेंद्र मोदी आज यानी 9 जून के दिन भारत के प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ लेंगे. इस दौरान उनके साथ उनके मंत्रिपरिषद के सदस्य भी शपथ लेंगे. खबरों में आपने मंत्रिपरिषद के साथ मंत्रिमंडल शब्द भी कई बार सुना होगा. क्या आप जानते हैं कि मंत्रीमंडल और मंत्रिपरिषद में क्या अंतर क्या है.


मंत्रिपरिषद


बता दें कि मंत्रिपरिषद में मंत्रियों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें मंत्रिमंडल (कैबिनेट मंत्री), राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री और उप मंत्री शामिल होते हैं. ऐसे में मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद के बीच सबसे बुनियादी फर्क यही होता है कि मंत्रियों के संपूर्ण समूह को मंत्रिपरिषद कहा जाता है. वहीं मंत्रिमंडल या कैबिनेट मंत्री इसका हिस्सा होते हैं. भारतीय संविधान के मुताबिक राष्‍ट्रपति को उनके कार्यों में सहायता करने और सलाह देने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्‍व में मंत्री परिषद का गठन किया जाता है. प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. इसके बाद वह प्रधानमंत्री की सलाह पर अन्‍य मंत्रियों को नियुक्ति करते हैं.


कैबिनेट मंत्री


अब सवाल ये है कि मंत्रिपरिषद क्या होता है. बता दें कि मंत्रिपरिषद उस निकाय का नाम है, जिसमें सारे मंत्री होते हैं. इसमें कैबिनेट मंत्रिपरिषद का शीर्ष समूह होता है. आमतौर पर सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट मंत्री बनाया जाता है और उन्हें वित्त, रक्षा, गृह, रेल जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का प्रभार दिया जाता है. ऐसे में कैबिनेट मंत्री ही नियमित रूप से बैठक करते हैं और नीतिगत फैसले लेते हैं. 


शपथ ग्रहण समारोह


राष्ट्रपति भवन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्य आज यानी 09 जून 2024 को शाम 7.15 बजे राष्ट्रपति भवन में पद और गोपनीयता की शपथ ले रहे हैं. उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु शपथ दिलाएंगी. 


बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक में नरेन्द्र मोदी को सर्वसम्मति से गठबंधन दल का नेता चुन लिया था. उसके बाद नरेंद्र मोदी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं सहयोगी दलों के प्रमुखों के साथ मिलकर राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया. आज 9 जून के दिन नरेंद्र मोदी के साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य भी शपथ लेंगे.  


शपथ में क्या बोलते हैं पीएम ?


मैं <नाम> ईश्वर की शपथ लेता हूं, कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा. मैं भारत की प्रभुता और अखंडता को अक्षुण्ण रखूंगा. मैं संघ के प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक एवं शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगा. तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा.


गोपनीयता की शपथ


मैं <नाम> ईश्‍वर की शपथ लेता हूं कि जो विषय संघ के प्रधानमंत्री/मंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा अथवा मुझे ज्ञात होगा, उसे किसी भी व्यक्ति या व्‍यक्तियों को तब के सिवाय जबकि प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों के संवहन निर्वहन के लिए ऐसा करना अपेक्षित हो. मैं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित या प्रकट नहीं करूंगा.


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