न्यूक्लियर हमला हो जाए तो भी इस देश में नहीं होगी एक भी मौत, क्या है इसकी वजह?
न्यूक्लियर हमले के बाद उस जगह और लोगों का क्या हाल होता है ये तो हम देख ही चुके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक शहर ऐसा भी है जहां न्यूक्लियर हमले का भी लोगों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
फिलहाल कई देशों में युद्ध की स्थिति है, जहां इजरायल-फिलिस्तीन के बीच युद्ध पिछले साल अक्टूबर से ही जारी है, वहीं रूस और यूक्रेन के बीच भी अबतक युद्ध थमा नहीं है. इसके अलावा अब भी कई देश ऐसे हैं जिनके बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाएं आगे बगाहे लगाई जाती ही रहती हैं. वहीं अब कई देश परमाणु हथियारों से लैस हैं.
ऐसे में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हम ये देख ही चुके हैं कि अमेरिका ने जब हिरोशिमा और नागासाकी पर बम गिराए थे तो उनका क्या हाल हुआ था? ऐसे में यदि अब भी कोई देश किसी दूसरे देश पर परमाणु बम से हमला कर देता है तो उसकी स्थिति खराब हो ही जाएगी. ऐसे में एक देश ऐसा भी है जहां यदि परमाणु बम से हमला हो भी जाए तो उसमें एक भी मौत नहीं होगी. चलिए जानते हैं आखिर क्यों.
इस देश में परमाणु बम से हमला होने पर भी नहीं होगी एक भी मौत
हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के नागरिकों पर परमाणु हमले का भी कोई असर नहीं होगा. दरअसल इस देश का नाम स्विटडरलैंड है. ये अकेला ऐसा देश है जो अपने संविधान में नागरिक सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लेता है. इस देश में परमाणु या फिर किसी एयर हमले से लोगों की सुरक्षा के लिए बंकर्स बनाए गए हैं. इस देश में 3 लाख से ज्यादा बंकर्स हैं. जो इतने बड़े हैं कि हर स्विस नागरिक को यहां शरण मिल सके.
अलग-थलग रहने की नीति
इसके अलावा स्विडरलैंड न्यूट्रैलिटी पॉलिसी भी अपनाता है. इसका ऐलान इस देश ने साल 1815 में किया था. इस पॉलिसी के तहत स्विजरलैंड ने अलग-थलग रहने की नीति अपना ली थी, यानी यदि कोई दो देशों के बीच लड़ाई होती है तो स्विजरलैंड उनका सहयोग नहीं करेगा. वो न तो अपने सैनिक देगा और न ही किसी खास मकसद से किसी भी देश को हथियार सप्लाई करेगा. यहां तक की यदि इस देश के पड़ोसी देश में भी लड़ाई छिड़ी हो तो वो देश किसी भी तरह स्विस सीमा का भी इस्तेमाल नहीं कर सकता.
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