धरती पर मौजूद सभी जानवरों के अंदर अलग-अलग प्रतिभा होती है. वहीं कई पक्षी दिखने में इतने सुंदर लगते हैं कि हर कोई उनकी तरफ आकर्षित होता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पक्षी के बारे में बताने वाले हैं, जो घोंसला खुद सिलकर तैयार करती है. जी हां, ये पक्षी दर्जी की तरह अपना घोंसला खुदकर सिलकर तैयार करती है.
पक्षी
पक्षियों की सुंदरता को देखकर अधिकांश मनुष्य उनकी तरफ आकर्षित होते हैं. भारत में पक्षियों की कुल 1301 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से 42 केवल भारत में पायी जाती है. इनमें से अधिकांश पक्षी अपना घोंसला खुद बनाकर रहती हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पक्षी के बारे में बताने वाले हैं, जो अपना घोंसला खुद बुनकर बनाती है. जी हां, ये पक्षी अपना घोंसला बुनकर बनाती हैं.
सबसे अलग ये पक्षी
बता दें कि खुद के चोंच से घोंसला बुनकर बनाने वाली इस चिड़िया का नाम टेलरबर्ड है, जो 'वॉर्ब्लर परिवार' में शामिल है. उसे यह नाम इसलिए दिया गया क्योंकि वह पत्तियों को आपस में सिलकर बेहद कुशलता के साथ अपना घोंसला बनाती है. इस चिड़िया को देखकर इंसान भी ये कहता है कि शायद धरती पर इसको देखकर ही इंसानों ने कपड़ा सिलना सीखा होगा. चोंच से पत्तों को सीलने की कारीगरी इन पक्षियों में देखने लायक है.
टेलरबर्ड पक्षी दिखने में चमकीले रंग की होती है. इनका आकार 10 से 14 सेंटीमीटर होता है. वहीं इनका वजन 6 ग्राम से 10 ग्राम के बीच होता है. इस पक्षी के पास छोटा गोल पंख, एक पूंछ, मजबूत पैर और एक तेज चोंच होती है.
इस पक्षी की कितनी प्रजाति
पर्यावरणविद डॉ. केसी सोनी के मुताबिक इस पक्षी की विश्वभर में करीब 9 प्रजातियां पायी जाती हैं. टेलर बर्ड अपना घोंसला विशेष प्रकार के पत्तों जैसे पीपल, बरगद, आक आदि को सिलकर बनाती है. इस पक्षी का नाम इसकी घोंसले बनाने की खास कला की वजह से पड़ा है. उन्होंने बताया कि ये पक्षी कई पत्तियों में छेद करके एक श्रृंखला बनाते है. जिसके बाद फिर उन छेद के बीच से पौधों के रेशों, कीड़ो के रेशम और धागों को पिरोकर बिलकुल दर्जी की तरह ही ये पत्तियों को सिलकर आपस में जोड़ देती है. फिर उन सिली हुई पत्तियों के बराबर बीच में बनी हुई जगह पर पर ये घास-पात और फिर रुई रखकर सुविधाजनक अपना घोंसला बनाते है. वहीं इस पक्षी का मुख्य भोजन फल, बीज और छोटे-छोटे कीड़े है.
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