(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कैसे और कब हुई थी चाय की खोज, जानें इसको बनाने का सबसे सटीक तरीका
भारत में अधिकांश लोगों की सुबह की शुरूआत चाय से होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में चाय की शुरूआत कैसे हुई थी. आज हम आपको बताएंगे कि चाय की शुरूआत कैसे हुई थी.
अधिकांश लोगों की सबुह चाय से होती है. लेकिन बहुत से लोगों को यह मालूम नहीं होगा कि चाय की शुरुआत कैसे हुई थी. आज हम बताएंगे कि चाय जो जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है. उसकी शुरूआत गलती से हुई थी. जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी.
चीन से शुरूआत
चाय को लेकर कहा जाता है कि 2732 BC में चीन के शासक शेंग नुंग ने गलती से चाय की खोज की थी. दरअसल एक बार राजा को पीने के पानी गर्म किया जा रहा था, लेकिन गलती से उसमें कहीं से कुछ पत्तियां गिर गई थी. पानी में पत्ते गिरने से अचानक पानी का रंग बदल गया और उसमें से अच्छी खुशबू आने लगी थी. इसके बाद राजा को लगा कि इसे पिया जा सकता है. राजा ने उस पानी को पिया तो काफी पसंद आया. इतना ही नहीं राजा को यह पानी पीने के बाद काफी ताजगी और एनर्जी महसूस हुआ था. तब से इस रंगीन पानी को राजा पीने लगे थे. जानकारी के मुताबिक इस रंगीन पानी को राजा ने चाय का नाम दिया था.
भारत में चाय की शुरुआत
भारत में चाय की शुरूआत को लेकर कहानी है कि साल 1834 में गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक भारत आए थे. उस वक्त असम के कुछ लोग चाय की पत्तियों को गर्म पानी में उबालकर दवा की तरह पी रहे थे. उन्होंने यह देखा तो काफी उत्सुक हुए थे. इसके बाद उन्होंने आम लोगों को इसकी जानकारी दी और इस तरह भारत में चाय की शुरुआत हुई थी.
चाय के प्रकार
ब्लैक टी
ब्लैक टी में दूध नहीं पड़ता है. बता दें कि ये चाय की पत्तियों को सुखाकर तैयार की जाती है. इसकी खेती भारत, चीन, तिब्बत, मंगोलिया में होती है.
ग्रीन टी
आज के वक्त खुद को फीट रखने के लिए लोग ग्रीन टी पीते हैं. इसमें डायबिटीज, कैंसर, और मानसिक बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है. इसकी खेती भारत और चीन में होती है.
ब्लू टी
ये एक हर्बल टी होती है. बता दें कि इसको अपराजिता नाम के फूल से बनाया जाता है. इसको पीने से याददाश्त बढ़ता है, इसके अलावा इससे एंग्जायटी कम होता है. इतना ही नहीं ये डायबिटीज की रोकथाम में मददगार है.
रेड टी
इसे रूइबोस टी भी कहते हैं. यह एक दक्षिण अफ्रीका में उगने वाले 'एस्पैलाथस' नाम के एक पेड़ से मिलती है. बता दें कि ग्रीन टी की तुलना में इसमें 50% अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. वहीं इसको पीने से डाइजेशन ठीक होता है, इससे बाल मजबूत होते हैं.
येलो टी
येलो टी पीने की शुरुआत चीन से हुई थी. इसकी पत्तियों को खास तरीके से सुखाकर बनाया जाता है. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट ग्रीन टी के बराबर ही होते हैं.
दूध वाली चाय
इसके बारे में हर कोई जानता होगा. खासकर भारत में हर परिवार में दूध वाली चाय बनती है. इस चाय में पड़ने वाली पत्तियां खासकर भारत के असम राज्य से तैयार होती हैं.
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