चाय एक ऐसा पेय पदार्थ है जिसे भारत में नेशल ड्रिंक की तरह ट्रीट किया जाता है. हालांकि, आधिकारिक रूप से फिलहाल ऐसा तो नहीं है लेकिन यहां हर घर में सुबह शाम खाना बने या ना बने चाय जरूर बनती है. यहां तक कि जब घर में मेहमान आते हैं तो भी सबसे पहले उनका स्वागत चाय से ही किया जाता है. चौक चौराहों पर शाम को अगर आप निकल जाएंगे तो पाएंगे कि वहां शाम को आधा शहर चाय पीने के लिए इकट्ठा है. खैर, आज हम चाय के सामाजिक होने पर चर्चा नहीं कर रहे हैं, बल्कि आपको इससे जुड़ी एक रिसर्च में सामने आई बातों को बताने वाले हैं, जिसे सुनकर हर चाय प्रेमी खुशी से झूम उठेगा.


क्या है चाय पर हुई नई रिसर्च


अमेरिकी नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने चाय पर एक रिसर्च किया जिसके मुताबिक, चाय पीने वाले लोग उन लोगों से ज्यादा जीते हैं जो लोग रोजाना चाय नहीं पीते हैं. यह रिसर्च एक दो लोगों पर नहीं बल्कि युनाइटेड किंग्डम के पांच लाख से ज्यादा लोगों पर हुई थी. इनके डेटाबेस पर शोध करने के बाद ही यह रिपोर्च प्रकाशित की गई. सबसे बड़ी बात की अमेरिकी नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने इस पर 14 साल तक शोध किया.


कितना ज्यादा जीते हैं चाय पीने वाले


इस रिसर्च के अनुसार, जो लोग रोजाना दो या तीन कप या उससे ज्यादा चाय पीते हैं उनमें मौत का खतरा उन लोगों के मुकाबले जो बिल्कुल भी चाय नहीं पीते 9 से 13 फीसदी कम होती है. यह पूरी रिसर्च आप पढ़ना चाहते हैं तो आप अनैल्स ऑफ इंटरनल मेडिसन नामक पत्रिका पर पढ़ सकते हैं. हालांकि, यहां सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि ये रिसर्च काली चाय पीने वालों पर हुई है. यानी आप इस रिसर्च को अपनी दूध वाली चाय से जोड़ कर ना देखें. दूसरी बात ये कि कोई भी चीज जरूरत से ज्यादा हानिकारक होती है, इसलिए चाय हो या कुछ और हमेशा उसे सीमित मात्रा में ही लें.


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