ज्वालामुखी की आग की वजह से बनती है टकीला शराब, इसका मेकिंग प्रोसेस हैरान कर देगा
शराब की जब भी बात होती है, तो अधिकांश लोगों ने टकीला का नाम जरूर सुना होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि टकीला का कनेक्शन ज्वालामुखी से भी है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे बनता है टकीला.
शराब का नाम आने पर फिल्मों में या असल जीवन में टकीला का नाम आपने जरूर सुना होगा. लेकिन अधिकांश लोग ये नहीं जानते होंगे कि ये शराब कैसे बनती है. बता दें कि टकीला को उसके तीखे स्वाद और अनोखे इतिहास के लिए जाना जाता है. इतना ही नहीं टकीला मेक्सिको की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि टकीला को कैसे बनाया जाता है.
क्या है टकीला
टकीला एगेव टकीलाना वेबर ब्लू से बनी एक डिस्टिल्ड स्परिट है. ये ब्लू अगेव या एगेव अजुल मेक्सिको के केवल पांच क्षेत्रों जालिस्को, गुआनाजुआंतो, मिचोआकेन, तमुलिपास और नायरिट में पैदा होता है. हालांकि जालिस्को में इसका सर्वाधिक उत्पादन होता है, इसीलिए 99 फीसदी टकीला यहीं बनाई जाती है. इतना ही नहीं जालिस्को को टकीला का होमटाउन भी कहा जाता है.
बता दें कि एगेव की करीब 166 प्रजातियां है, जिनमें से 125 मेक्सिको में पायी जाती हैं. लेकिन टकीला केवल बेवर ब्लू (जिसका नाम जर्मन वनस्पतिशास्त्री के नाम पर रखा गया है) से ही बनाई जाती है. इस प्रजाति को 1905 में पहली बार इसके हल्के नीले रंग के कारण वर्गीकृत किया गया था. इसके हरे पत्तों का उपयोग टकीला बनाने के लिए किया जाता है. ये पौधे इसलिए भी खास हैं क्योंकि ये सिलिकेट समृद्ध लाल ज्वालमुखीय मिट्टी में पैदा होते हैं. बता दें कि टकीला के लिए हर साल 300 मिलियन से ज्यादा पौधों की कटाई होती है.
इतिहास
जानकारी के मुताबिक मेक्सिन एगेव का इतिहास एक हजार साल से भी ज्यादा पुराना है. 250-300 ईसा पूर्व में एज्टेक सभ्यता के समय एगेव के गूदे से थोड़ा खट्टा पेय और उसे फर्मेंटेड किया गया था. इसके परिणामस्वरूप जो अल्कोहल बना था, उसे एक पवित्र पेय माना जाता था. इसका सेवन धार्मिक समारोहों और पवित्र संस्कारों में किया जाता था. पहली बार टकीला बड़े पैमाने पर वर्ष 1600 के आसपास बनाई गई थी. बता दें कि 1521 में स्पेन ने मेक्सिको पर विजय प्राप्त की और फिर वहीं बस गए थे. जानकारी के मुताबिक ब्रांडी की आपूर्ति बंद होने के बाद उन्होंने पल्प को स्पिरिट में बदलने और फर्मेंटेशन के अपने ज्ञान का इस्तेमाल करने का फैसला किया था.
इसके अलावा व्यावसायिक रूप से टकीला बनाने का पहला आधिकारिक लाइसेंस स्पेन के राजा कार्लोस चतुर्थ द्वारा 1975 में क्यूवेरो परिवार को जारी किया गया था. वर्तमान में 22,000 से अधिक रजिस्टर्ड एगेव पैदा करने वाले किसान हैं. इसके अलावा टकीला क्षेत्र में कई सौ मिलियन एगेव पौधों की खेती 125,000 हेक्टेयर में की जाती है.
टकीला के मुख्य प्रकार
टकीला के मुख्य दो प्रकार है, जिसमें ब्लैंको (सफेद) या प्लाटा (सिल्वर) शामिल है. इनका स्वाद तीखा होता है और ये कॉकटेल में अच्छी तरह से काम करते हैं. जोवेन (युवा) या ओरो (सोना) ये नई और पुरानी टकीला का मिश्रण होता है. टकीला में लगातार नई खोज होती रहती है, वर्ष 2006 में क्यूराडोस नाम की टकीला की नई श्रेणी आई थी, जो नींबू, संतरे, स्ट्रॉबेरी, अनानास और नाशपाती से बनी सुगंधित टकीला है.
बता दें कि टकीला को दुनिया की सबसे लोकप्रिय लिकर माना जाता है. मेक्सिको की संस्कृति की शान टकीला को शुद्ध रूप (नीट) पिया जाता है. इसके अलावा ये अन्य पेय पदार्थों में मिलाकर भी पिया जाता है. यह एक स्ट्रांग ड्रिंक है, जिसमें अल्होकल की मात्रा 40 से 50 फीसदी तक होती है. एबीपी न्यूज कभी भी शराब पीने का समर्थन नहीं करता है. शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है.
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