इस दुनिया में एक से बढ़कर एक रहस्य छुपे हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही रहस्य की कहानी बताने वाले हैं. हम बात कर रहे हैं किलिंग स्टोन की. यह स्टोन ऐसे तो जापान में लेकिन इसकी चर्चा पूरी दुनिया में होती है. दरअसल इसके बारे में कहा जाता है कि इस किलिंग स्टोन में पिछले 1000 साल से बुरी आत्मा कैद है. कुछ लोगों का तो यहां तक मान्यता है कि अगर इसे कोई छू भी ले तो उसके साथ बेहद बुरा होगा. लेकिन हैरानी की बात यह है कि यह पत्थर अब टूट चुका है. लोग कह रहे हैं कि इस पत्थर के टूटने के बाद इसके अंदर से आत्मा अब आजाद हो गई है. आज इस आर्टिकल में हम आपको इसी से जुड़ी कहानी बताएंगे.


इस पत्थर को लेकर इतना डर क्यों है


जापानी भाषा में इस पत्थर को सेशो-सेकी कहा जाता है. जापानी लोग मानते हैं कि इसके अंदर टैमोमो-नो-मै नामक दानव कैद था जो अब पत्थर टूटने के बाद आजाद हो गया है. जहां यह पत्थर है वहां के आसपास के लोग मानते हैं कि इस पत्थर को छूने वाले की मौत हो जाती है क्योंकि जैसे ही इसे कोई छूता है याद आना उसे अपने कब्जे में ले लेता है. 


कहां है यह पत्थर


किलिंग स्टोन नाम से लोकप्रिय ये रहस्यमई पत्थर जापान के टोक्यो के पास तोचिगी के उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र में पाया जाता है. जब तक ये पत्थर टूटा नहीं था इसे देखने हर साल लाखों लोग आया करते थे. लेकिन ये पत्थर जब से टूटा है टूरिस्ट इसके नजदीक आने से डरने लगे हैं. द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लोग मानते हैं कि इससे आजाद होने वाला शैतान टैमोमो-नो-मै अब तबाही मचाएगा, जैसा कि उसने सदियों पहले मचाया था. वहीं कुछ स्थानीय लोग कहते हैं कि ये एक ज्वालामुखी चट्टान है.


किलिंग स्टोन के पीछे की कहानी क्या है?


जापान में लोकप्रिय कहानियों के अनुसार, एक बार टैमोमो-नो-मै नाम के शैतान ने एक सुंदर महिला का रूप बनाया था और वह महिला 1107 से 1123 तक जापान के सम्राट टोबा को मारने की साजिश में शामिल रही. जबकि कुछ कहानियों के अनुसार, इस इलाके के लोग बुरी आत्माओं को काबू करके अलग-अलग चीजों में कैद करके रखने में काबिल थे. इसी काबीलियत के दम पर उन्‍होंने टैमोमो-नो-मै को एक ज्‍वालामुखी की चट्टान में कैद कर दिया. कहा जाता है कि उन लोगों ने ऐसा कर के इस दानव से पूरे जापान की रक्षा की थी.


आखिर यह स्टोन टूटा कैसे


द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, किलिंग स्‍टोन का टूटना दो साल पहले शुरू हुआ. विशेषज्ञों के अनुसार पहले इसमें दरार आईं बाद में इसमें बारिश का पानी जाने लगा, इसी वजह से ये चट्टान दो हिस्‍सों में टूट गई. अब स्‍थानीय अधिकारियों के लिए सबसे बड़ी चिंता इसी बात को लेकर है कि आखिर इस चट्टान के टुकड़ों का क्‍या किया जाए और इन्हें कहां ले जाया जाय.


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