दुनियाभर की नजर एक बार फिर से अमेरिका पर है. दरअसल राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर बीते रविवार को एक बार फिर से जानलेवा हमला हुआ है. अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने बताया है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर रविवार को एक बार फिर जानलेवा हमला हुआ, जिसमें ट्रंप बाल-बाल बचे हैं. ट्रंप के आवास मार ए लागो गोल्फ कोर्स के पास गोलीबारी करने के आरोप में सीक्रेट सर्विस एजेंट्स ने एक संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. आज हम आपको बताएंगे कि इस आरोपी के पास से सुरक्षा एजेंसियों ने कौन सी बंदूक बरामद की है. 


ड्रोनाल्ड ट्रंप


पूरी दुनिया की नजर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर है. लेकिन रिपब्लिकन पार्टी से अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ड्रोनाल्ड ट्रंप पर एक बार फिर से हुए जानलेवा हमले ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं. जानकारी के मुताबिक बीते रविवार को ट्रंप के आवास मार ए लागो गोल्फ कोर्स के पास एक हमलावर ने ट्रंप के ऊपर गोलीबारी की है. हालांकि इस हमले में ट्रंप बिल्कुल सुरक्षित हैं. हमलावर संदिग्ध की पहचान 58 वर्षीय रेयान वेस्ले रूथ के रूप में हुई है. घटनास्थल से एक अत्याधुनिक एके-47 राइफल, एक स्कोप और एक गोप्रो कैमरा भी बरामद किया गया है. 


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हमले के बाद हमलावर फरार


एफबीआई ने बताया कि ट्रंप आवास के आसपास गोलीबारी होने के बाद जवाबी कार्रवाई में सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने भी फायरिंग की थी. जिसके बाद झाड़ी में छिपा बैठा रेयान रूथ बाहर निकला और एक काले रंग की कार में बैठकर मौके से फरार हो गया था. हालांकि बाद में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रेयान रूथ नॉर्थ कैरोलिना ग्रीन्सबोरो इलाके का निवासी है और पेशे से पूर्व निर्माण श्रमिक है. 


रूथ की कोई औपचारिक सैन्य पृष्ठभूमि नहीं थी, लेकिन वह सोशल मीडिया पर सशस्त्र सैन्य संघर्ष में भाग लेने की इच्छा जाहिर कर चुका है. अपने व्हाट्सएप बायो में रूथ ने लिखा है कि हम में से प्रत्येक को मानवाधिकारों, स्वतंत्रता और लोकतंत्र का समर्थन करने में मदद के लिए हर दिन छोटे-छोटे कदम उठाने चाहिए. गौरतलब है कि साल 2002 में रूथ को गिरफ्तार भी किया गया था।. रूथ पर आरोप है कि उसने स्वचालित हथियारों के साथ खुद को एक इमारत में बंद कर लिया था.


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एके 47


ट्रंप पर हमला करने के लिए हमलावर ने एके 47 बंदूक का इस्तेमाल किया था. गौरतलब है कि भारत के जम्मू-कश्मीर में मौजूद आतंकी भी अक्सर इसी एके-47 बंदूक का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा भी अन्य मारे गए आतंकियों के पास से एके 47 बंदूक बरामद की गई है. 


आतंकियों की फेवरेट बंदूक एके 47


अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर आतंकी सबसे अधिक एके 47 का इस्तेमाल क्यों करते हैं. बता दें कि AK 47 राइफल का पूरा नाम Automatic Kalashnikov-47 है. यह राइफल 1947 में बनी थी. AK 47 का आविष्कार Mikhail Kalashnikov ने किया था, लेकिन उन्होंने अपने इस आविष्कार से कभी पैसा नहीं कमाया है. 2013 में 94 साल की उम्र में Mikhail Kalashnikov की मौत हो गई थी.   


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AK-47 राइफल की खासियत 


AK-47 राइफल में एक बार में 30 गोलियां भर सकते हैं. इस बदूंक की नली से गोली छूटने की रफ्तार 710 मीटर प्रति सेकंड होती है. इस बंदूक से एक सेकंड में 6 गोली निकलती हैं, यानी एक मिनट में लगभग 600 राउंड फायर किया जा सकता है. ये इतनी पावरफुल होती है कि कुछ दीवारों, यहां तक की कार के दरवाजे को भी भेद कर उसके पीछे बैठे इंसान को मार सकती है. AK47 में Automatic और Semi Automatic दोनों तरह से काम कर सकती है. AK-47 राइफल एक अकेली ऐसी राइफल है जो पानी, मिट्टी या रेत किसी भी वातावरण में काम कर सकती है.


इतना ही नहीं दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले हथियार के रूप में AK-47 का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल हैं. आज के समय में दुनिया में करीब 10 करोड़ AK-47 हैं, यानि दुनिया में हर 70 लोगों पर एक AK-47 राइफल मौजूद है. यह दुनिया में सबसे ज्यादा अवैध रुप से बिकने वाली राइफल है.रुस के अलावा दुनिया AK-47 को बनाने और सप्लाई करने का लाइसेंस 30 अन्य देशों को भी प्राप्त है. जिनमें चीन, भारत, मिस्त्र, इजराइल, नाइजीरिया आदि शामिल हैं. चाइना में सबसे ज्यादा AK-47 बनती हैं.


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