सिर के बाल झड़ना एक आम समस्या हो गई है. हर व्यक्ति सिर के बाल झड़ने की समस्या से परेशान है. सिर के बालों का झड़ना एक आम समस्या बन गई है, लेकिन बहुत कम लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि दाढ़ी और शरीर के बाल क्यों नहीं झड़ते? दरअसल, सिर के बालों के झड़ने का कारण शारीरिक और जैविक रूप से अलग होते हैं और शरीर के अन्य बालों, जैसे दाढ़ी और शरीर के बालों का गिरना इससे अलग होता है. चलिए जानते हैं कि सिर के बाल तेजी से झड़ने लगते हैं लेकिन बॉडी के बालों के साथ ऐसा क्यों नहीं होता.


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इस हॉर्मोन की वजह से होता है बालों का विकास


सिर के बालों का झड़ना और दाढ़ी तथा शरीर के बालों का न गिरना हार्मोनल अंतर के कारण होता है. हमारे सिर के बालों में मुख्य रूप से डीएचटी (डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन) नामक हार्मोन का प्रभाव होता है. यह हार्मोन बालों की जड़ों को कमजोर करता है, जिसके कारण सिर के बाल झड़ने लगते हैं. वहीं दाढ़ी और शरीर के बालों में टेस्टोस्टेरोन का प्रभाव होता है, जो इन बालों के विकास को बढ़ावा देता है और इन्हें गिरने से रोकता है. इस तरह, हार्मोनल अंतर सिर और शरीर के बालों के व्यवहार में फर्क डालता है.


हमारे शरीर के बालों की वृद्धि और उनके झड़ने का प्रोसेस जीन द्वारा नियंत्रित होता है. सिर के बालों में गिरावट और पतलापन आमतौर पर एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया (आनुवांशिक गंजापन) के कारण होता है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के शरीर में पाया जाता है. यह स्थिति खासतौर पर सिर के बालों के लिए जिम्मेदार होती है. वहीं दाढ़ी और शरीर के बालों के विकास का पैटर्न अलग होता है, जो आमतौर पर आनुवंशिक रूप से निर्धारित होता है. इस वजह से शरीर के बालों का गिरना या पतला होना सिर के मुकाबले बहुत कम होता है.


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कब झड़ते हैं सिर के बाल?


सिर के बालों का जीवन चक्र अन्य शरीर के बालों से अलग होता है. सिर के बालों का जीवन चक्र वृद्धि के समय में लंबा होता है, जबकि शरीर के बालों का जीवन चक्र छोटा होता है. सिर के बालों का गिरना खासतौर पर उस चक्र के टेलोजेन चरण में होता है, जहां बालों की वृद्धि रुक जाती है और वो झड़ने लगते हैं. वहीं दूसरी ओर शरीर के बालों का जीवन चक्र छोटा होने के कारण इनका झड़ना बहुत कम होता है और वो अक्सर नए बालों से बदलते रहते हैं. इसके अलावा सिर के बाल तनाव या अस्वस्थ्य जीवनशैली के कारण भी झड़ते हैं.


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